BJP ने साबिर को फिर बनाया मेंबर, नकवी ने बताया था आतंकी का फ्रेंड


सदस्यता ग्रहण करने के बाद साबिर अली ने कहा, ” बीजेपी से निकाले जाने के बाद 16 माह तक मैं पार्टी से जुड़ा रहा। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैंने राज्यसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा के 100 फीसदी विधायकों ने मुझे वोट दिया था। मुझ पर लगे कोई आरोप आज तक सिद्ध नहीं हुए हैं।” साबिर को पिछले साल जेडीयू ने लोकसभा चुनाव के लिए शिवहर से प्रत्याशी बनाया था। इसी बीच साबिर ने नरेंद्र मोदी की तारीफ कर दी जिसके बाद उन्हें जेडीयू ने पार्टी से निकाल दिया था। साबिर ने पटना में कहा था, ”मोदी की नीतियां (गुजरात में) अच्छी हैं और मोदी का विकास के लिए अच्छा काम किया है।” साबिर का यही बयान जेडीयू को नागवार गुजरा था। नकवी ने आरोप लगाया था कि साबिर अली के तार गुलशन कुमार हत्याकांड से जुड़े हैं और इस हत्याकांड को दाउद इब्राहिम के इशारे पर अंजाम दिया गया था। नकवी ने कहा था कि साबिर अली की भटकल से दोस्ती है और दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना रहा है। ऐसे व्यक्ति को पार्टी में नहीं शामिल किया जाना चाहिए। साबिर अली के पार्टी से निकाले जाने के बाद उनकी पत्नी यास्मीन ने नकवी के घर के बाहर धरना भी दिया था। साबिर अली ने नकवी के खिलाफ 31 मार्च 2014 को केस दर्ज कराया था। इस मामले में अदालत के बाहर नकवी और साबिर के बीच समझौता हो गया था। इसके बाद अदालत ने 15 नवंबर 2014 को मुख्तार अब्बास नकवी को बरी कर दिया था।
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