CBI पूछताछ में यादव सिंह ने उगले कई रहस्य

लखनऊ। अकूत संपत्ति के मालिक और करोड़ों के भ्रष्टाचार में संलिप्त नोएडा प्राधिकरण के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं| केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने यादव सिंह से सोमवार को करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान जाँच एजेंसी ने यादव सिंह से जुड़ी कंपनियों के कई रहस्य उगलवाए हैं। साथ ही निदेशकों और उनके सियासी हस्तियों से रिश्ते की कई कड़ियां सामने आई हैं।
यादव सिंह को नोटिस देकर पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था। सैकड़ों करोड़ की अवैध संपत्ति बनाने के मामले में सीबीआई ने पहली बार यादव सिंह से औपचारिक रूप से बुलाकर पूछताछ की है| जांच एजेंसी ने यादव सिंह से नोएडा प्राधिकरण में उनके अधीन आने वाले प्रोजेक्ट्स व उनकी संपत्तियों के बारे में पूछा| सीबीआई ने उसके और परिवारजनों के नाम से चल रही कंपनियों के खेल के बारे में तमाम सवाल किए| उसकी कंपनियों में हुए निवेश और कोलकाता की कंपनियों से कारोबारी रिश्तों के बारे में भी जानकारी मांगी| पूछताछ के दौरान यादव सिंह काफी नर्वस दिखा और कई सवालों में वह हकलाता भी रहा| हालांकि शुरुआत में उसने सीबीआई को उलझाने की भी कोशिश की|
सूत्रों की माने तो उनका कहना है कि सीबीआई की इस पूछताछ में कई कंपनियों के बड़ी सियासी हस्तियों से रिश्तों का रहस्य सामने आया है। दो में तो प्रदेश के बड़े नेताओं के बेटे निदेशक हैं। उनमें बेटों की पत्नियों के नाम भी हैं। कुछ कंपनियों में राजिंदर मनोचा और उनकी पत्नी के निदेशक होने की जानकारी मिली है। सीबीआई ने पूछा है कि क्या इन कंपनियों के निदेशकों से यादव सिंह की निकटता थी? शराब व्यवसाय से संबंध रखने वाले नोएडा के एक बड़े औद्यौगिक घराने से जुड़ी कुछ कंपनियों के नाम भी सामने आए हैं। अधिकारियों ने यादव सिंह व करीबियों को आवंटित कामों के साथ ही भूखंडों के बारे में पड़ताल की है। 4 घंटे तक यादव सिंह से उनके द्वारा दिए गए कई टेंडरों के बारे में भी पूछा गया।
सूत्रों ने बताया कि यादव सिंह को किसी भी दशा में देश से बाहर जाने से मना कर दिया गया है। शहर भी तभी छोड़ सकेगा जब वह सीबीआई को इसकी जानकारी देगा। उसे यह भी बताया गया है कि उसकी गतिविधियों पर सीबीआई की नजर रहेगी। जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार और आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक की संपत्ति जमा करने के आरोप में यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। इसमें सिंह के अलावा उनकी पत्नी कुसुम लता, बेटी गरिमा भूषण और बेटे सन्नी यादव के साथ राजेंद्र मिनोचा नामक व्यक्ति को आरोपी बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार यादव सिंह ने सीबीआई को स्पष्ट तौर पर कंपनियों में हुए निवेश के बारे में विशेष जानकारी नहीं दी। वह यही कहता रहा कि उसने समय-समय पर कंपनियों में रकम लगाई। जो रकम लगाई वह अपनी कमाई और अपने परिचितों से हासिल की गई थी। इसके अलावा बाकी जो कंपनियां काम कर रही थीं, उनसे आए मुनाफे का हिस्सा भी था।
फिलहाल सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूछताछ की पुष्टि करते हुए कहा कि करीब पांच घंटे की पूछताछ के बाद उसे जाने दिया गया, लेकिन पूछताछ आगे भी होगी। भ्रष्टाचार के आरोप में यादव को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। जाँच एजेंसी को फिलहाल आयकर विभाग से उसके घर मिले दस्तावेजों के विवरण मिलने का इंतजार है। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग को जल्द-से-जल्द इन दस्तावेजों को मुहैया कराने को कहा गया है। आपको बता दें कि सीबीआई ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के बाद यादव सिंह के खिलाफ दो एफआइआर दर्ज की थी। इसके पहले यादव सिंह के घर पर आयकर विभाग के छापे के दौरान बड़ी संख्या में अवैध संपत्तियों के दस्तावेज, नकदी और जेवर मिले थे। साथ ही उसके एक करीबी के घर से 10 करोड़ नकद भी बरामद किए थे।
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