दिल्ली – केंद्र सरकार ने लोगों को दिया दीपावली गिफ्ट, जानें किसको क्या मिला

कोरोना महामारी से देश काफी आर्थिक समस्यायों से जूझ रहा है। इस बीच मोदी सरकार की तरफ से कोई बड़ा राहत पैकेज का एलान हो सकता है।

कोरोना महामारी से देश काफी आर्थिक समस्यायों से जूझ रहा है। इस बीच मोदी सरकार की तरफ से कोई बड़ा राहत पैकेज का एलान हो सकता है।  इसी क्रम में  वित्तमंत्री सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रंस चल रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन अब पटरी पर है।  अक्टूबर माह में 2019 अक्टूबर की तुलना में 10% वृद्धि हुई है। 1.05 लाख करोड़ का कलेक्शन। साथ ही आरबीआई ने Q3 में पॉजिटिव ग्रोथ का अनुमान लगाया है।

रबी सीजन के लिए 24000 करोड़ रु उपलब्ध कराया जा रहा है

फूड सिक्योरिटी के लिए  वन नेशन , वन राशन कार्ड लागू कर दिया गया है। जो सभी राज्यो और केंद्रशासित प्रदेश में 1 सितंबर से लागू कर दिया गया है। अब प्रवासी मजदूर भारत में चाहे जहा काम करेगे वहीं राशन डिपो से राशन प्राप्त करेगे। जबकि रेहड़ी पटरी दुकानदारों को आत्मनिर्भर भारत के तहत 13 हजार करोड़ का लॉन मुहैया कराया जा चुका है।  किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को अपनी आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। रबी सीजन के लिए 24000 करोड़ रु उपलब्ध कराया जा रहा है।

तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है

कोरोना संकट में पटरी से उतर गई अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए मोदी सरकार ने एक और राहत पैकेज देने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन जैसे कई आंकड़े बेहतर आये हैं और रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है।

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उन्होंने कहा कि रेलवे में माल ढुलाई में 20 फीसदी बढ़ी है, बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई। शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई है। एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाये गये कदमों से ​मजदूरों को काफी फायदा हुआ है।  इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभा उठाया है।  इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं और 2.05 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी गई है।

मकसद परेशान सेक्टर को राहत देना होगा

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार इस पैकेज को तैयार करने के लिए इंडस्ट्री चैंबर्स और कॉरपोरेट जगत की राय ली गई है। इस पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि इसका मकसद परेशान सेक्टर को राहत देना होगा।  साथ ही इसमें रोजगार सृजन पर जोर होगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से देश की इकॉनमी बुरी तरह प्रभावित हुई है।

 

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