बड़ी खबर: 10वीं और 12वीं कक्षा को लेकर सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, अब…

पूरी दुनिया में कोरोना का कहर लगातार जारी है और इस महामारी से बाहर निकलने के लिए पूरा विश्व कोशिश कर रहा है। वहीं भारत में भी इस संक्रमण का खतरा अभी थमा नहीं है।

पूरी दुनिया में कोरोना (Corona) का कहर लगातार जारी है और इस महामारी से बाहर निकलने के लिए पूरा विश्व कोशिश कर रहा है। वहीं भारत में भी इस संक्रमण का खतरा अभी थमा नहीं है। हालांकि, अब देश संक्रमण के दौर से धीरे-धीरे बाहर निकल रहा है। इसी वायरस की वजह से छात्रों के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए मार्च 2020 से ही स्कूल(School)-कॉलेज भी बंद कर दिये गये थे, लेकिन कोरोना के मामलों में धीरे-धीरे आने वाली कमी से स्कूल-कॉलेज को खोला जा रहा है।

केंद्र सरकार का आदेश

स्कूल-कॉलेज को खोलने के लिए केंद्र सरकार ने चरणबद्ध तरीके से आदेश दे दिए हैं। हालांकि, स्कूलों (School) के खोलने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार (government) को भी छूट दी गई है। इस छूट में राज्य सरकार स्थिति को देखते हुए स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला ले सकते हैं। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से यह निर्देश जारी किये गये हैं कि जब भी स्कूल-कॉलेज खोले जाएंगे, सभी को कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा, जिसमें छात्रों से लेकर स्कूल-कॉलेज के स्टाफ तक सभी शामिल होंगे।

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10वीं और 12वीं कक्षा को लेकर सरकार का फैसला

कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए मध्य प्रदेश की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में 10वीं और 12वीं कक्षा की क्लासेज नियमित रूप से 18 दिसंबर से शुरू होंगी। बता दें कि यह निर्णय बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जबकि 9वीं और 11वीं की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय जिला प्रशासन को सौंपा दिया है। हालांकि, कोरोना संक्रमण की समीक्षा के बाद ही पहली से आठवीं तक के स्कूलों को खोलने का फैसला लिया जाएगा, जो कि एमपी बोर्ड व सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों (School) पर लागू होगा। इस संबंध में एक-दो दिन में आदेश जारी किए जाएंगे।

तीन घंटे की बैठक के बाद लिया गया निर्णय

सोमवार को स्कूल (School) शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विभाग के अफसरों के साथ तीन घंटे बैठक करने के बाद यह निर्णय लिया। यह फैसला सभी जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। बैठक में पहले एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तैयारियों और टाइम-टेबल तय करने को लेकर चर्चा की गई।

इस बैठक में इस बात का खास ध्यान रखा गया कि नियमित क्लास का सत्र कितना रखा जाए। इसके अलावा इस बैठक में 9वीं से 12वीं तक के कोर्स को लेकर भी चर्चा हुई, यदि कोर्स शेष है, तो इसे पूरा करने की तैयारियों की जानकारी अधिकारी देंगे। इसके अलावा, स्‍कूल (School) खोलने और परीक्षा के पहले कोर्स पूरा करने को लेकर समीक्षा की गई।

नहीं तैयार हैं निजी शिक्षण संस्थान…

वहीं, इस संबंध में सोपास के प्रदेश अध्यक्ष आशीष चटर्जी ने कहा कि बैठक के बाद भी ठोस फैसला नहीं हो पाया है। स्कूल (School) कॉलेज खोलने और अन्य मांगों को लेकर स्थिति साफ नहीं है।

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एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक, विरोध स्वरूप 15 दिसंबर यानी आज राज्य के निजी स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन/ऑफलाइन शिक्षण कार्य बंद रहेगा। संचालकों ने कहा कि पिछले चार दिन से संचालक प्रशासन से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति मांग रहे हैं, उन्हें अनुमति नहीं मिली। ऐसे में शिक्षक/ संचालक/ विद्यार्थी व पालक भोपाल कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन करेंगे व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगे। जरूरत पड़ी तो गिरफ्तारी भी देंगे।

बैठक में मौजूद रहे ये अफसर…

इस बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त लोकेश कुमार जाटव, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय जयश्री कियावत, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

 

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