कृषि कानून: सरकार ने किसान संगठनों को पत्र लिखकर कही ये बड़ी बात

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर बातचीत करने की अपील की है. किसानों संगठनों को लिखे पत्र में सरकार की तरफ से किसानों के विचार और समय को भी बताने के लिए कहा गया है.

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र सरकार(central government) ने पत्र लिखकर बातचीत करने की अपील की है. किसानों संगठनों को लिखे पत्र में सरकार(central government) की तरफ से किसानों के विचार और समय को भी बताने के लिए कहा गया है. किसान संगठनों को इससे पहले भी मोदी सरकार ने प्रस्ताव भेजे थे जिसे किसानों ने ठुकरा दिया था और कहा था कि, ये आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा जब तक तीनों कानून वापस नहीं होंगे.

बता दें कि, यह पत्र केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने क्रांतिकारी किसान यूनियन, पंजाब के प्रेसीडेंट डॉ. दर्शनपाल लिखा है और उसकी प्रतिलिपियां अन्य 39 संगठनों को भेजी गई है.

सरकार(central government) की ओर से भेजे गए इस पत्र में नए कृषि कानून को लेकर पंजाब में शुरू हुए किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन से लेकर दिल्ली की सीमाओं पर बीते तीन सप्ताह से ज्यादा समय से चल रहे प्रदर्शन के दौरान सरकार की ओर से समस्याओं के समाधान की दिशा में की गई पहलों और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों द्वारा उठाए गए कदमों का बिंदुवार जिक्र किया गया है.

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पत्र में किसान नेता दर्शनपाल से उनके द्वारा 16 दिसंबर को भेजी गई ईमेल के संबंध में सवाल किया गया है कि ईमेल में प्रेषित संदेश संक्षिप्त है और स्पष्ट नहीं है कि यह उनका अपना विचार या सभी संगठनों का भी मत यही है. साथ ही, सरकार की ओर से नौ दिसंबर को भेजे गए प्रस्तावों को अस्वीकार किए जाने के कारण स्पष्ट नहीं होने की बात कही गई है.

सबसे पहले अक्टूबर में पंजाब के किसान संगठनों के नेताओं के साथ 14 अक्टूबर को कृषि सचिव से वार्ता हुई थी. इसके बाद 13 नवंबर को यहां विज्ञान-भवन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनकी वार्ता हुई, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश मौजूद थे.

इस बैठक के बाद किसानों के साथ एक दिसंबर, तीन दिसंबर, और पांच दिसंबर को विज्ञान भवन में हुई थी. जिसमें तीनों मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर, सोमप्रकाश और पीयूष गोयल मौजूद थे लेकिन इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकला था जिसके बाद 9 दिसंबर को सरकार(central government) की तरफ से किसानों को एक प्रस्ताव भेजा गया था जिसे किसानों ने ठुकरा दिया था. अब फिलहाल एक बार फिर से सरकार ने मसले को सुलझाने के लिए कदम आगे बढ़ाया और गेंद किसानों के पाले मं डाल दी है.

 

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