Chamoli Glacier Collapse: पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पावर प्रोजेक्ट को लेकर उठाए सवाल, कहा- मैंने पहले बताया था…

ग्लेशियर हादसे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा- जब मै मंत्री थी तब अपने मंत्रालय की तरफ़ से हिमालय उत्तराखंड के बांधो के बारे में दिए एफिडेविट में यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है.

ग्लेशियर (glacier) हादसे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा- जब मै मंत्री थी तब अपने मंत्रालय की तरफ़ से हिमालय उत्तराखंड के बांधो के बारे में दिए एफिडेविट में यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है. इसलिये गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नही बनने चाहिए. इससे उत्तराखंड की जो 12 % की क्षति होती है वह नैशनल ग्रिड से पूरी कर देनी चाहिये. कल मैं उत्तरकाशी में थी आज हरिद्वार पहुँची हूं. हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है यानी की तबाही हरिद्वार आ सकती है. यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता एवं चेतावनी दोनों का विषय है.

उत्तराखंड के चमोली (chamoli) जिले से बड़ी खबर आ रही है. नंदा देवी नेशनल पार्क इलाके के कोर जोन में स्थित ग्लेशियर (glacier) के टूटने की खबर है. बताया जा रहा है कि, रैनी गांव करे पास ऋषि गंगा तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया है. ग्लेशियर (glacier) के टूटने से हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को काफी नुकसान हुआ है. ग्लेशियर (glacier) टूटने की जानकारी मिलते ही मौके पर जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस बल पहुंच गई है. स्थानीय प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि, बिजली परियोजना में काम करने वाले करीब 150 लोग लापता हो गए हैं. एनडीआरएफ की कई टीमों को रवाना किया गया है. इसके साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. सीएम ने सभी से अपील की है कि, अफवाहों पर ध्यान ना दें. अगर किसी कोई कहीं फंसा हुआ है तो आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।

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मिली जानकारी के मुताबिक, पोस्ट जोशीमठ हेड कांस्टेबल मंगल सिंह ने बताया कि, उन्हें रविवार की सुबह करीब 11 बजे जोशीमठ थाने से सूचना मिली थी कि, रैनी गांव में ग्लेशियर (glacier) टूटा है. जिसके बाद टीम रवाना हुई है. ग्लेशियर के टूटने से उसमें कुछ लोगों के बहने की भी खबर आ रही है.

बताया जा रहा है कि, ग्लेशियर के टूटने से इलाके में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. ग्लेशियर टूटने की खबर के बाद टिहरी प्रशासन ने भी कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. वहीं देव प्रयाग संगम पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. जिला प्रशासन ने कहा है कि, नदी किनारे बस्तियों में रहने वाले लोग ऊंचाई के इलाके में चले जाएं. इसके साथ ही नदी के किनारे खनन पट्टों पर काम करने वाले लोगों को आदेश के बाद हटाया जा रहा है.

ग्लेशियर टूटने की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौके का दौरा करने वाले हैं. ग्लेशियर टूटने वाले इलाके में राहत बचाव कार्य शुरू हो गया है. गोचर, श्रीनगर, रतूड़ा की टीम को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है. सीएम रावत कुछ ही देर में निरीक्षण के लिए पहुंचेंगे. वहीं ग्लेशियर टूटने की खबर मिलते ही श्रीनगर में धारा देवी मंदिर को भी प्रशासन ने खाली करवा दिया है. हरिद्वार में में भी निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

 

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