चीन की नजर भारत के पड़ोसी देशों पर, जानिये क्या है मामला

भारत को घेरने के लिए चीन पिछले कई साल से बड़े पैमाने पर पड़ोसी देशों में निवेश कर रहा है। चीन की नजर भारत के पड़ोसी देशों पर है, जिनके साथ वह ‘डेट-ट्रैप डिप्लोमेसी’ का खेल रहा है।

दिल्ली: भारत को घेरने के लिए चीन पिछले कई साल से बड़े पैमाने पर पड़ोसी देशों में निवेश कर रहा है। चीन की नजर भारत के पड़ोसी देशों पर है, जिनके साथ वह ‘डेट-ट्रैप डिप्लोमेसी’ का खेल रहा है। अब चीन के निशाने पर भारत का एक और पड़ोसी देश म्यांमार है। इस देश पर भी चीन का अरबों डॉलर का कर्ज है। हाल के दिनों में म्यांमार ने भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया तो चीन को मिर्ची लग गई। इसी कारण चीन इस देश को दिए गए लोन की समीक्षा शुरू कर दी है।

चीन ने शी जिनपिंग के महत्वकांक्षी मिशन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत म्यांमार को अरबों डॉलर का कर्ज दिया है। जब इस परियोजना को शुरू करने के लिए चीन ने म्यांमार से बातचीत की, तो उसने इसे चीन-म्यांमार-बांग्लादेश-भारत इकोनॉमिक कॉरिडोर का नाम दिया। चीन ने म्यांमार को सपने दिखाते हुए कहा था कि इस परियोजना से न केवल उसके देश में इंफ्रास्टक्टचर का विकास होगा बल्कि आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

 
म्यांमार के तब के सैन्य शासन ने चीन की बातों में आकर इस परियोजना को मंजूरी दे दी। जिसके बाद चीनी कंपनियों ने बड़े पैमाने पर म्यांमार में निवेश किया। हालांकि, उस समय भारत ने चीन के इस परियोजना पर संदेह जताते हुए शामिल करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद चीन ने इस परियोजना का नाम बदलकर चीन म्यांमार इकोनॉमिक कॉरिडोर कर दिया।

चीन इस समय दुनियाभर के देशों के साथ ‘डेट-ट्रैप डिप्लोमेसी’ खेल रहा है। इसके जरिए चीन पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के नाम पर विदेशी देशों को कर्ज देता है। इस कर्ज को चुकाने में सक्षम नहीं होते तो वह उनके संसाधनों पर कब्जा करना शुरू कर देता है। इसका ताजा उदाहरण श्रीलंका है। जिसे कर्ज के बदले में अपना एक पोर्ट हंबनटोटा चीन को देना पड़ेगा।

 

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