लखनऊ: सीएम योगी ने एमएसएमई को दिया अखिलेश सरकार से दोगुना ज्यादा लोन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए जो प्रयास शुरू किए थे, अब उसके परिणाम दिखने लगे हैं।

मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए जो प्रयास शुरू किए थे, अब उसके परिणाम दिखने लगे हैं। खासतौर पर एमएसएमई सेक्टर की बात करें, तो पिछली सरकारों की तुलना में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। इस मामले में योगी सरकार का महज पौने चार साल का कार्यकाल सपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल पर भारी पड़ा है। योगी सरकार ने एमएसएमई को अखिलेश सरकार से करीब दोगुना से अधिक लोन दिया है।

देश में उत्तर प्रदेश की पहचान तेजी से आगे बढ़ते प्रदेश के रूप में हो रही है। इसकी मुख्य वजह प्रदेश में कार्यरत आठ लाख सात हजार 537 एमएसएमई ईकाईयां भी हैं। बदले माहौल में एमएसएमई ईकाईयों ने न सिर्फ कारोबार बढ़ाया है, बल्कि करीब 30 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर भी दिए हैं। योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 46,594 करोड़, 2018-19 में 57,808 करोड़, 2019-20 में 71,080 करोड़ और 2020-21 सितंबर तक 36,972 करोड़ रुपयों के लोन दिए गए हैं यानि योगी सरकार में 2,12,454 करोड़ रुपए के लोन दिए गए हैं। जबकि सपा मुखिया अखिलेश यादव की सरकार के दौरान एमएसएमई को वित्त वर्ष 2012-13 में 13,248 करोड़, 2013-14 के दौरान 19,249 करोड़, 2014-15 में 22,439 करोड़, 2015-16 में 22,996 करोड़, 2016-17 में 28,136 करोड़ के लोन दिए गए हैं यानि सपा सरकार में कुल एक लाख छह हजार 68 करोड़ रुपए के लोन दिए गए हैं।

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एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि सीएम योगी ने प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 21 विभागों की नीतियों में बदलाव करने के साथ कानून व्यवस्था सहित कई अहम पहलुओं पर काम किया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में यूपी दूसरे पायदान पर आया है। कोरोना काल में भी सीएम योगी ने चार बार मेगा लोन मेला लगाकर उद्योगों को लोन वितरित किया। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर एमएसएमई को लोन दिया गया है और नए निवेशक करीब दो लाख करोड़ रुपए का निवेश किए हैं।

छह लाख 79 हजार 647 नई ईकाईयां लगाई गईं
योगी सरकार में एमएसएमई ने 2,12,454 करोड़ रुपए के लोन से अपनी औद्योगिक क्षमता में विस्तार से लेकर बाजार तक में बढ़त बनाई है। साथ ही इन पैसे से छह लाख 79 हजार 647 नई ईकाईयां भी लगाई गई हैं। इसमें प्रधानमंत्री इंप्लायमेंट जेनरेशन प्रोग्राम (पीएमईजीपी), मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना और ओडीओपी सहित कई अन्य योजनाओं के तहत लोन दिए गए हैं।

25 से 30 लाख लोगों को मिला रोजगार
आईआईए के चेयरमैन पंकज गुप्ता ने बताया कि पिछले तीन साल में सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर जो प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, उसमें एमएसएमई का बहुत बड़ा योगदान है। चाहे वह बिजलीघर निर्माण हो या ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नेटवर्क को सुधारने के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं। इसके अलावा टेलीकॉम, आवास, सड़क निर्माण, ट्रांसपोर्ट और स्मार्ट सिटी आदि में अच्छे काम हुए हैं। जिस कारण एमएसएमई को भी सरकार की ओर से काम मिला है। जिस कारण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 25 से 30 लाख लोगों को रोजगार भी मिला है।

 

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