CPEC से पाकिस्तान नहीं चीन को होगा फायदा: पाकिस्तानी पत्रकार

इस्लामाबाद। नवाज शरीफ भले ही दावा कर रहे हैं कि चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित होगा लेकिन वहीं के जाने-माने पत्रकार नजम सेठी उनसे इत्तेफाक नहीं रखते। नवाज शरीफ के उलट सेठी का मानना है कि CPEC से पाकिस्तान का भला नहीं होगा बल्कि इससे पेइचिंग और उसकी करंसी की स्थिति मजबूत होगी।

CPEC प्रॉजेक्ट की आलोचना करते हुए सेठी ने रविवार को कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी करंसी युआन को अमेरिकी डॉलर की जगह दिलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन का वन बेल्ट वन रोड (OBOR), जिसका CPEC भी हिस्सा है, इस दिशा में बड़ा रोल निभाने वाला है। नजम सेठी ने कहा कि पाकिस्तान को किसी तरह का विदेशी निवेश नहीं मिल रहा है और इसकी वजह यह है कि उसे संघर्ष भरे इलाके के एक कमजोर देश के तौर पर देखा जाता है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भारत, अफगानिस्तान के साथ-साथ ईरान से भी सीमा विवाद है लेकिन चीन इस अस्थिरता का जोखिम उठाने को इसलिए तैयार है और निवेश कर रहा है क्योंकि उसका यहां काफी प्रभाव है। जिओ न्यूज के एक टीवी शो पर सेठी ने कहा, ‘पहली बात तो वे सोचते हैं कि पाकिस्तान बिना चीन के टिक ही नहीं पाएगा। चीन पाकिस्तान को सैन्य साजो-सामान और विदेश नीति खासकर भारत के खिलाफ नीति पर सुरक्षा प्रदान करता है।’

उन्होंने आगे कहा कि चीन को पता है कि पाकिस्तान सामरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से उस पर पूरी तरह निर्भर है। इसलिए चाहे जिसकी भी सरकार हो, पाकिस्तान को चीन के साथ मिलकर ही काम करना होगा। सेठी ने कहा कि CPEC में चीन का निवेश का इससे कोई रिश्ता नहीं है कि यहां सत्ता में कौन है। किसी की भी सरकार होती तो चीन यह निवेश करता।

नजम सेठी ने कहा, ‘दूसरी बात यह है कि अगर कोई जोखिम हुआ तो चीन दाम बढ़ा देगा। मान लीजिए कि कोई सामान अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 पैसे में बेची जा रही है, लेकिन चीन उसे 15 पैसे में बेचेगा और इसके लिए वह निवेश में जोखिम का हवाला देगा।’ सेठी ने इशारों-इशारों में यह भी कहा कि चीन पाकिस्तान को कर्ज के जाल में फंसा लेगा।

इससे पहले, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि अरबों डॉलर का CPEC प्रॉजेक्ट देश में समृद्धि और विकास लाएगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस पर नजम सेठी ने कहा कि इससे कुछ हद तक रोजगार पैदा हो सकता है लेकिन इससे समृद्धि नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सामानों का निर्यात चीन करेगा इसलिए फायदा पेइचिंग को होगा न कि इस्लामाबाद को।

CPEC के लिए चीन कर रहा है 62 अरब डॉलर का निवेश
चीन ने CPEC प्रॉजेक्ट के लिए 62 अरब डॉलर के निवेश का निर्णय किया है। मास्टर प्लान के तहत, पाकिस्तान में हजारों एकड़ कृषि भूमि चीन की कंपनियों को लीज पर दी जाएगी। वे वहां बीज की किस्मों से लेकर सिंचाई परियोजना तक के बारे में ‘डीमॉन्सट्रेशन प्रॉजेक्ट्स’ बनाएंगी। पेशावर से लेकर कराची तक के शहरों में निगरानी का एक सिस्टम बनाया जाएगा। सड़कों और व्यस्त बाजारों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिन-रात वीडियो रिकॉर्डिंग का सिस्टम होगा।

इसके अलावा पाकिस्तान में एक नैशनल फाइबर ऑप्टिक सिस्टम बनाया जाएगा। इसका इस्तेमाल न केवल पाकिस्तान में इंटरनेट ट्रैफिक के लिए, बल्कि टीवी ब्रॉडकास्टिंग में किया जाएगा। यह सिस्टम ‘चीन की संस्कृति के प्रचार-प्रसार’ के लिए चीनी मीडिया से सहयोग करेगा। इसी तरह का काम म्यांमार के मांडले शहर में दिखने लगा है, जिससे वहां के आर्किटेक्चर और कल्चर पर प्रभाव पड़ा है। अब देखना यह है कि पाक का परंपरागत ढर्रे वाला समाज चीन की संस्कृति के प्रभाव पर कैसी प्रतिक्रिया देगा।

भारत ने CPEC को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। इसी वजह से भारत ने पेइचिंग में हाल ही में आयोजित हुए ‘वन बेल्ट वन रोड’ समिट में हिस्सा नहीं लिया था।

 

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