तुलसी विवाह के दिन पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें…

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठनी एकादशी मनाई जाती है। देवउठनी एकादशी को हरिप्रबोधिनी एकादशी व देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैं।

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठनी एकादशी मनाई जाती है। देवउठनी एकादशी को हरिप्रबोधिनी एकादशी व देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैं। इस बार देव उठनी एकादशी कल यानी 25 नवंबर को मनाई जाएगी। इस एकादशी पर तुलसी विवाह का सबसे ज्यादा महत्व होता है। देवउठनी एकादशी को छोटी दिवाली के रूप मे मनाया जाता है। इस दिन विधि विधान के साथ तुलसी विवाह का पूजन किया जाता है।

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तुलसी विवाह के लिए तुलसी का पौधा एक चौकी पर आंगन के बीचो-बीच रखा जाता है। तुलसी जी के सामने मेहंदी, मौली धागा, फूल, चंदन, सिंदूर, सुहाग के सामान की चीजें, चावल और मिठाई, पूजन सामग्री के रूप में रखी जाती हैं।

पूजा में अर्पित करें ये चीजें
पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरूद और अन्य मौसमी फल चढाएं ।

पूजा में लगाएं ये चीजें
देवउठनी एकादशी पर पूजा स्थल में गन्नों से मंडप सजाया जाता है। उसके नीचे भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान कर मंत्रों से भगवान विष्णु को जगाने के लिए पूजा की जाती है।

 

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