क्या आप जानते हैं महाभारत और रामायण में है छठ पूजा का उल्लेख
त्योहारों के देश भारत में कई ऐसे पर्व हैं जिन्हें कठिन माना जाता है और इन्हीं में से एक पर्व है लोकआस्था का महापर्व छठ।
त्योहारों के देश भारत में कई ऐसे पर्व हैं जिन्हें कठिन माना जाता है और इन्हीं में से एक पर्व है लोकआस्था का महापर्व छठ। जिसे रामायण और महाभारत काल से ही मानने की परंपरा है। कार्तिक महीने की षष्ठी को मनाया जाने वाला आस्था का महापर्व छठ पूजा के अब गिनती के दिन बचे हैं। ऐसे में पूरे देश में और खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठी मइया के भक्तों की उत्सुकता बढ़ती नजर आ रही है।
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हम आपको छठ पूजा के बारे में बताने जा रहे हैं कि कैसे इस पर्व को मनाने की शुरुआत हुई थी। आइए जानते हैं।
नहाय-खाय से शुरू होने वाले छठ पर्व के बारे में कहा जाता है कि इसकी शुरूआत महाभारत काल से ही हो गई थी। एक कथा के मुताबिक महाभारत काल में जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए थे तब द्रौपदी ने इस चार दिनों के व्रत को किया था।
बता दें कि दानवीर कर्ण ने इस त्योहार पर सूर्य की उपासना की थी और मनोकामना में अपना राजपाट वापस मांगा था। इसके साथ ही एक और मान्यता प्रचलित है कि इस छठ पर्व की शुरूआत महाभारत काल में कर्ण ने की थी।
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