हेमकुंड साहिब में पूरी हो जाती है हर मनोकामना, रोजाना आता है इतने श्रद्धालु

पंद्रह हजार दो सौ पच्चीस फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित सिक्खों का सबसे पवित्र और सबसे ऊंचा तीर्थ स्थल

पंद्रह हजार दो सौ पच्चीस फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित सिक्खों का सबसे पवित्र और सबसे ऊंचा तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट आज यानि शनिवार को 1:30 बजे बन्द हो जायेगे।

गुरुद्वारा प्रबंन्धन कमेटी ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। हेमकुंड साहिब में मुख्य ग्रंथी मिलाप सिंह द्वारा सुबह 5 बजे से निक नेम पाठ  किया जायेगा। 6 बजे कीर्तन का कार्यक्रम होगा।  इसके बाद  9:30 बजे पहली अरदास और 10 बजे सुखमणि साहिब का पाठ होगा।

5500 से अधिक श्रद्धालु यहां दर्शनों को पहुंच चुके हैं

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि कपाट बंदी के उत्सव में शामिल होने के लिए यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।

गुरुवार को 300 से अधिक श्रद्धालु गोविंदघाट पहुंच चुके थे। हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर की फूलों से भव्य सजावट की गई है। विदित हो कि कोरोना संक्रमण के चलते दोनों धाम के कपाट तीन माह के विलंब से गत चार सितंबर को खोले गए थे। तब से अब तक 5500 से अधिक श्रद्धालु यहां दर्शनों को पहुंच चुके हैं।

जबकि दोपहर  12:30 बजे साल की अंतिम अरदास होगी। 1 बजे दरबार साहिब में गुरुग्रन्थ साहिब का हुकमनामा लिया जायेगा और पंच प्यारे के अगुवाई में गुरुग्रन्थ साहिब को सचखंड गर्भग्रह में सुशोभित किया जायेगा।  इसके बाद 1:30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बन्द कर दिए जाएंगे।

कपाट बंद होने के अवसर पर 1200 सिक्ख श्रदालु पवित्र हेमकुंड सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर साल की अंतिम अरदास सुनेंगे। इस साल अब तक 8000 सिक्ख श्रदालु हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके है।

 

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