फेंसिंग, कील और बैरिकेडिंग लगाते रह गए पुलिसवाले, किसानों ने सुना दिया अपना फैसला !
कृषि कानून (farm laws ) को लेकर पिछलेदो महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसान अपनी जिद पर अडे़ हैं, उनका कहना है कि,
कृषि कानून (farm laws ) को लेकर पिछले दो महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसान अपनी जिद पर अडे़ हैं, उनका कहना है कि, सरकार जबतक तीनों कानूनों (farm laws) को वापस नहीं लेती है तबतक उनका आंदोलन चलता रहेगा. वहीं सरकार भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. सरकार का कहना है कि, कानूनों (farm laws) को वापस नहीं लिया जाएगा. बल्कि उनमें किसानों की सहूलियतों और मांगों के को देखते हुए संसोधन किया जा सकता है. सरकार के साथ किसानों की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं लेकिन कोई भी हल नहीं निकल पाया है.
वहीं 26 जनवरी को दिल्ली में भड़की हिंसा और लालकिले पर तिरंगा झंडे की जगह धर्म विशेष का झंडा लगाने के मामले को देखते हुए पुलिस अब सतर्क हो गई है. एक फरवरी को दिल्ली कूच के ऐलान के बाद पुलिस ने बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए बाड़, कीलें और बैरिकेडिंग लगा दी है. जिसको लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि, जब उन्हें दिल्ली जाना ही नहीं है तो फिर पुलिस रास्तों को ब्लॉक क्यों कर रही है. इससे आम जनता को परेशानी होगी.
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राकेश टिकैत ने कहा, जितना भी हमें रोकने के लिए रास्तों पर कीलें और बेरिकेडिंग लगाई जाएगी. उससे पता चलेगा कि, कौन किसके लिए कील लगा रहा है. वहीं पीएम मोदी के उस बयान पर पलटवार करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि, कहां और किसके पास है वो नंबर जिसपर फोन करने से बातचीत शुरू होगी. उन्होंने कहा, हमें वो नंबर चाहिए जिससे एक फोन कॉल दूर हैं.
बता दें कि, पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि, सरकार अब भी अपने प्रस्तावों पर कायम है और किसान सिर्फ एक फोन कॉल से दूर हैं. किसानों के साथ चर्चा करने के लिए सरकार तैयार है.
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