FIFA WORLD CUP 2018: दलदल से लेकर युद्ध के मैदान तक होगा महामुकाबला, इन 12 स्‍टेडियम की अलग ही है कहानी

वजह्निकी स्‍टेडियम, मॉस्‍को: मास्‍को में स्थित यह स्‍टेडियम 1956 में खुला था और इसी मैदान पर फीफा विश्‍व का सबसे बड़ा मैच खेला जाएगा. वजह्निकी पर एक सेमीफाइनल और फाइनल मैच सहित कुल सात मैच खेले जाएंगे. यह रूस की टीम का घरेलू मैदान भी है. फीफा विश्‍व कप के लिए चुने सभी 12 स्‍टेडियम में से सिर्फ यहीं पर सबसे ज्‍यादा दर्शक बैठे सकते हैं. इस स्‍टेडियम की दर्शक क्षमता 80 हजार की है. इसका पुननिर्माण 2017 में हुआ था.

स्‍पार्टक स्‍टेडियम, मॉस्‍को: मॉस्‍को शहर का यह दूसरा स्‍टेडियम है, जो विश्‍व कप मैचों की मेजबानी करेगा. चार साल पहले खुले लाल और सफेद रंग के इस एरिने में पांच मैच खेले जाएंगे. इसकी दर्शक क्षमता 45 हजार की है.

स्‍पार्टक स्‍टेडियम, मॉस्‍को: मॉस्‍को शहर का यह दूसरा स्‍टेडियम है, जो विश्‍व कप मैचों की मेजबानी करेगा. चार साल पहले खुले लाल और सफेद रंग के इस एरिने में पांच मैच खेले जाएंगे. इसकी दर्शक क्षमता 45 हजार की है.

सेंट पीटर्सबर्ग  स्‍टेडियम, सेंट पीटर्सबर्ग:  विश्‍व कप के लिए चुना गया दूसरा बड़ा स्‍टेडियम है यह. यहां एक सेमीफाइनल और तीसरे स्‍थान के लिए प्‍ले ऑफ मुकाबले सहित कुल सात मैच खेले जाएंगे. इसे रूस का सबसे अच्‍छी तकनीक वाला स्‍टेडियम माना जाता है. इसकी दर्शक क्षमता 68 हजार के करीब की है.

सेंट पीटर्सबर्ग  स्‍टेडियम, सेंट पीटर्सबर्ग:  विश्‍व कप के लिए चुना गया दूसरा बड़ा स्‍टेडियम है यह. यहां एक सेमीफाइनल और तीसरे स्‍थान के लिए प्‍ले ऑफ मुकाबले सहित कुल सात मैच खेले जाएंगे. इसे रूस का सबसे अच्‍छी तकनीक वाला स्‍टेडियम माना जाता है. इसकी दर्शक क्षमता 68 हजार के करीब की है.

कजान एरिना, कजान: 2013 में यूनिवर्सिटी गेम्‍स के लिए इसे बनाया गया था. रूस अथॉरिटी को इस स्‍टेडियम को भविष्‍य के ओलिंपिक गेम्‍स के वेन्‍यू रूप में प्रस्‍ताव भेजने की सोच रही है. यहां राउंड 16 के एक मैच और एक क्‍वार्टर फाइनल सहित कुल 6 मैच खेले जाएंगे. इस स्‍टेडियम की दर्शक क्षमता करीब 45 हजार की है.

कजान एरिना, कजान: 2013 में यूनिवर्सिटी गेम्‍स के लिए इसे बनाया गया था. रूस अथॉरिटी को इस स्‍टेडियम को भविष्‍य के ओलिंपिक गेम्‍स के वेन्‍यू रूप में प्रस्‍ताव भेजने की सोच रही है. यहां राउंड 16 के एक मैच और एक क्‍वार्टर फाइनल सहित कुल 6 मैच खेले जाएंगे. इस स्‍टेडियम की दर्शक क्षमता करीब 45 हजार की है.

फिश्‍ा स्‍टेडियम, सोची: यह स्‍टेडियम रूस का सबसे सुंदर फुटबॉल वेन्‍यू है. 2017 में खुले इस स्‍टेडियम पर एक राउंड 16 और एक क्‍वार्टर फाइनल मैच सहित कुल छह मैच खेल जाएंगे. इसकी दर्शक क्षतमा 48 हजार के करीब है.

फिश्‍ा स्‍टेडियम, सोची: यह स्‍टेडियम रूस का सबसे सुंदर फुटबॉल वेन्‍यू है. 2017 में खुले इस स्‍टेडियम पर एक राउंड 16 और एक क्‍वार्टर फाइनल मैच सहित कुल छह मैच खेल जाएंगे. इसकी दर्शक क्षतमा 48 हजार के करीब है.

वोल्गोग्राड एरिना, वोल्गोग्राड: 2018 में बने इस स्‍टेडियम को स्टालिनग्राड की लड़ाई वाली जगह के पास बनाया गया. यहां ग्रुप स्‍टेज के चार मैच खेले जाएंगे. इस स्‍टेडियम की दर्शक क्षमता 45 हजार के करीब है.

वोल्गोग्राड एरिना, वोल्गोग्राड: 2018 में बने इस स्‍टेडियम को स्टालिनग्राड की लड़ाई वाली जगह के पास बनाया गया. यहां ग्रुप स्‍टेज के चार मैच खेले जाएंगे. इस स्‍टेडियम की दर्शक क्षमता 45 हजार के करीब है.

निजनी नोवगैरथ स्‍टेडियम: इस स्‍टेडियम का डिजाइन हर किसी को प्रभावित करता है. इसी साल खुला यह स्‍टेडियम विश्‍व कप के बाद यहां की नई लोकल टीम का घरेलू मैदान हो जाएगा. इस स्‍टेडियम की दर्शक क्षमता 45 हजार है.

निजनी नोवगैरथ स्‍टेडियम: इस स्‍टेडियम का डिजाइन हर किसी को प्रभावित करता है. इसी साल खुला यह स्‍टेडियम विश्‍व कप के बाद यहां की नई लोकल टीम का घरेलू मैदान हो जाएगा. इस स्‍टेडियम की दर्शक क्षमता 45 हजार है.

रोस्‍तोव एरिना, रोस्‍तोव: दक्षिणी रूस का यह शहर पूर्वी यूक्रेन में युद्ध जोन से सिर्फ  60 किलोमीटर दूर है, जहां चार साल के एक युद्ध में 10 ह‍जार से अधिक लोग मारे गए थे.

रोस्‍तोव एरिना, रोस्‍तोव: दक्षिणी रूस का यह शहर पूर्वी यूक्रेन में युद्ध जोन से सिर्फ 60 किलोमीटर दूर है, जहां चार साल के एक युद्ध में 10 ह‍जार से अधिक लोग मारे गए थे.

समारा एरिना, समारा: समारा एरिना उस समय ज्‍यादा सुर्खियों में आया, जब फीफा ने कुछ महीनों पहले देखा कि अभी तक वहां मैदान नहीं था. आखिरकार अप्रैल में जर्मनी से घास मंगवाई गई और मैदान तैयार किया गया. 45 हजार दर्शक क्षमता वाले इस स्‍टेडियम पर एक राउंड 16 का मैच और एक क्‍वार्टर फाइनल मैच खेला जाएगा.

समारा एरिना, समारा: समारा एरिना उस समय ज्‍यादा सुर्खियों में आया, जब फीफा ने कुछ महीनों पहले देखा कि अभी तक वहां मैदान नहीं था. आखिरकार अप्रैल में जर्मनी से घास मंगवाई गई और मैदान तैयार किया गया. 45 हजार दर्शक क्षमता वाले इस स्‍टेडियम पर एक राउंड 16 का मैच और एक क्‍वार्टर फाइनल मैच खेला जाएगा.

मोरदोवया एरीना, सारांस्‍क: फीफा विश्‍व कप के मुकाबलों के लिए इस स्‍टेडियम का चुना जाना आश्‍चर्यजनक है, क्‍योंकि यह शहर काफी छोटा है और फुटबॉल के लिए कभी भी प्रसिद्ध नहीं था. यहां का एयरपोर्ट भी काफी छोटा है और विश्‍व कप तक कोई आधुनिक होटल भी नहीं है. यह वेन्‍यू तीसरी डिवीजन टीम का घरेलू मैदान होगा. यहां चार ग्रुप स्‍टेज मैच खेले जाएंगे.

मोरदोवया एरीना, सारांस्‍क: फीफा विश्‍व कप के मुकाबलों के लिए इस स्‍टेडियम का चुना जाना आश्‍चर्यजनक है, क्‍योंकि यह शहर काफी छोटा है और फुटबॉल के लिए कभी भी प्रसिद्ध नहीं था. यहां का एयरपोर्ट भी काफी छोटा है और विश्‍व कप तक कोई आधुनिक होटल भी नहीं है. यह वेन्‍यू तीसरी डिवीजन टीम का घरेलू मैदान होगा. यहां चार ग्रुप स्‍टेज मैच खेले जाएंगे.

एकातेरिनबर्ग एरिना, एकातेरिनबर्ग: अपने असामान्‍य डिजाइन के लिए यह स्‍टेडियम काफी प्रसिद्ध है. वजह्निकी स्‍टेडियम के बाद यह दूसरा पुराना स्‍टेडियम है. 1957 में खुले इस स्‍टेडियम पर चार ग्रुप स्‍टेज के मैच खेले जाएंगे. इसकी दर्शक क्षमता 35 हजार के करीब है.

एकातेरिनबर्ग एरिना, एकातेरिनबर्ग: अपने असामान्‍य डिजाइन के लिए यह स्‍टेडियम काफी प्रसिद्ध है. वजह्निकी स्‍टेडियम के बाद यह दूसरा पुराना स्‍टेडियम है. 1957 में खुले इस स्‍टेडियम पर चार ग्रुप स्‍टेज के मैच खेले जाएंगे. इसकी दर्शक क्षमता 35 हजार के करीब है.

बाल्टिका स्‍टेडियम,कैलिनिनग्राद: पोलैंड और लिथुआनिया के बीच बाल्टिक समुंदर पर होने के कारण यह शहर रूस के बाकी हिस्‍सों से कटा हुआ है. 2018 में खुले इस स्‍टेडियम के निर्माण कार्य के शुरुआत में काफी परेशानी आई थी. इसका निर्माण अस्थिर तरह से शुरू हुआ था, क्‍योंकि आयोजकों ने इसे दलदल पर बनाने का फैसला लिया था, लेकिन एक बार भवन डूबना रूक गया, मजदूर बर्बाद हुए समय को अपने काम से पूरा करने में लगे थे और अप्रैल में जाकर सभी को आराम मिला

बाल्टिका स्‍टेडियम,कैलिनिनग्राद: पोलैंड और लिथुआनिया के बीच बाल्टिक समुंदर पर होने के कारण यह शहर रूस के बाकी हिस्‍सों से कटा हुआ है. 2018 में खुले इस स्‍टेडियम के निर्माण कार्य के शुरुआत में काफी परेशानी आई थी. इसका निर्माण अस्थिर तरह से शुरू हुआ था, क्‍योंकि आयोजकों ने इसे दलदल पर बनाने का फैसला लिया था, लेकिन एक बार भवन डूबना रूक गया, मजदूर बर्बाद हुए समय को अपने काम से पूरा करने में लगे थे और अप्रैल में जाकर सभी को आराम मिला

 

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