भाजपा पर बरसे अखिलेश यादव, बोले- सच दिखाने पर हो रहा है पत्रकारों का उत्पीड़न और हत्या

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में अपराधी को सत्ता का संरक्षण और अपराध को सामने लाने वाले पर केस दर्ज होने का अजीबोगरीब खेल चल रहा है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि भाजपा सरकार में अपराधी को सत्ता का संरक्षण और अपराध को सामने लाने वाले पर केस दर्ज होने का अजीबोगरीब खेल चल रहा है। कानून व्यवस्था का यह नया रंग-ढंग महिलाओं को निराशा में आत्महत्या करने को मजबूर कर रहा है। पिछड़े, दलित और महिलाओं में असुरक्षा की भावना गहरे से घर कर गई है और वे घर-बाहर भयाक्रांत रहती हैं। एक तरह से तो भाजपा राज के जंगलराज में महिला होना ही सबसे बड़ा अपराध हो गया है। दलित समाज की बेटियों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है।

अयोध्या के ग्राम नारा में सत्ता संरक्षित दबंगों द्वारा दलित किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना अत्यंत दुःखद है। बेटी को कब इंसाफ मिलेगा यह प्रश्न सरकार से पीड़ित परिवार का है? मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में स्कूटी सवार युवतियों का सड़क पर निकलना मुश्किल हो रहा है। महाराष्ट्र पर ट्वीट कर लोकतंत्र की हत्या का बयान देने वाले मुख्यमंत्री जी के राज में महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने और अपराधी को पकड़ने के बजाय उसे उजागर करने वाले को ही पकड़ा जा रहा है।

फतेहपुर में दो नाबालिग बहनों का शव मिलने पर मां का बयान टीवी चैनल पर चलाने के जुर्म में भारत समाचार और न्यूज 18 पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। 12 वर्ष और 8 वर्ष की बहनों का शव तालाब में फेंका गया था और उनके सिर तथा आंखों पर चोट के निशान थे। भाजपा राज में विभिन्न कारणों से कई पत्रकारों के उत्पीड़न और हत्या तक की घटनाएं हो चुकी हैं। महिलाओं के खिलाफ जिस प्रकार बलात्कार, यौन उत्पीड़न और छेड़खानी के मामले बढ़े हैं उससे हताशा और अवसाद में आकर कई बहन बेटियों को आत्महत्या को मजबूर होना पड़ा है।

सरकार पिंक बूथ और मिशनशक्ति जैसे दिखावटी कार्यक्रमों में समय बिता रही हैं। उसका ऐंटी रोमियों स्क्वाड हवा में है। समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण और महिला सुरक्षा के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन और यूपी डायल 100 सेवा शुरू की थी। भाजपा ने उसे बर्बाद कर दिया। खुद तमाम अपराधों में भाजपा नेता पदाधिकारी संलिप्त हैं। भाजपा सरकार इनको बचाने में ही सारी ताकत लगाए हुए है। जनता की जानमाल की सुरक्षा की उसे फिक्र नहीं। वह भी जानती है कि अब थोड़े ही दिन तो बचे हैं उसकी सत्ता से रवानगी के।

उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर जिले में सोमवार की रात असोथर थाना इलाके में छिछनी गांव में करीब 8 बजे दो नाबालिग दलित बेटियों का शव तालाब में उतराता मिला था। परिजनों ने दोनों बेटियों की आंखे फोड़कर रेप के बाद हत्या की आशंका जाहिर किया और शव को पुलिस को उठाने से रोक दिया। जिसके बाद घटना स्थल पर मौजूद एसपी ने सुनियोजित ढंग से हल्का बल का प्रयोग कर भीड़ को तीतर-बितर कर दिया। जब मृतका के चाचा ने पुलिस की गुंडागर्दी का विरोध किया तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और परिवार के लोगो के साथ हाँथापाई कर दोनो शवो को जबरन उठाकर मॉर्चरी भेज दिया।

मंगलवार की शाम करीब चार बजे पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई। जिसके बाद एसपी ने अपना बयान जारी कर बताया कि डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी में दोनो शवो का पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप या फिर हत्या की पृष्टि नही हुई है, और न ही आंख फोड़े जाने की पृष्टि हुई है। एसपी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह कहा गया है कि आँख के पास जो चोट के निशान थे, वह मृत्यु के बाद जलीय कीड़ो के खाने के थे, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनो बहनों की मौत पानी में डूबने से बताया गया है।

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पीड़ित परिवार के मुताबिक दोनो बेटियों की पोस्टमार्टम के बाद उन्हें शव सौंप दिया गया है। जब तक शव गांव पहुंचा तब तक सूर्यास्त हो चुका था। परिवार वालो ने कहा कि वह सूर्यास्त के बाद रात में अंतिम संस्कार नही करेंगे। मृतका के चाचा के मुताबिक मौके पर मौजूद एसपी प्रशांत वर्मा ने उन्हें सबके सामने धमकाया की अगर अभी शवो का अंतिम संस्कार नही करोगे तो पूरे परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज देंगे।

जिसके बाद पीड़ित दलित परिवार रात में ही शवो को दफ़नाने के लिए मजबूर हुआ। जबकि हिन्दू धर्म मे गरुड़ पुराण में यह कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद कभी भी दाह-संस्कार नहीं किया जाता है। वहीं अगर किसी की मृत्यु रात के समय हो जाती है तो उसका अंतिम संस्कार दूसरे दिन किया जाता है। इस विषय में मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद दाह-संस्कार करने से मृतक की आत्मा को परलोक में कष्ट भोगना पड़ता है।

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इस पूरे मामले में मृतका की माँ के आरोपों पर ख़बर दिखाने को लेकर भारत समाचार टीवी चैनल और NEWS 18 के पत्रकार धारा यादव के खिलाफ भी पुलिस ने केस दर्ज किया। हैरानी की बात तो यह है कि घटना के करीब 48 घंटे बीत जाने के बाद बुधवार को लगभग 11 बजे पुलिस ने केस दर्ज किया है।

भारत समाचार और NEWS 18 के पत्रकार धारा यादव पर आरोप है कि इन्होंने भ्रामक खबर चैनलों में प्रकाशित करवाकर अपने निजी ट्विटर अकाउंट से टीवी चैनल में चली खबर का वीडियो पोस्ट किया है। जबकि यह ख़बर राष्ट्रीय चैनलों पर भी चली, लेकिन मुक़दमा सिर्फ इन्ही दो चैनल पर हुआ।

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जब इस पूरे मामले की पड़ताल की गई तो पता चला कि फ़तेहपुर में मीडिया मैनेजमेंट का एक रसूखदार पत्रकार जिले के मीडिया जगत का ठेकेदार बताया जाता है। उसके इजाज़त के बिना कोई भी पत्रकार पुलिस या फिर प्रशासन के खिलाफ ख़बर चलाने की हिमाकत नही करता। जब पिछले माह पत्रकार धारा यादव NEWS 18 के रिपोर्टर बनकर जिले में पहुंचे तो जिले की हर छोटी-बड़ी खबरें चैनल में दिखने लगी। जिसके बाद अन्य चैनलों के पत्रकारों की भी मजबूरी बन गई खबर भेजना।

एक वरिष्ठ पत्रकार से बात चीत के दौरान NEWS 18 के पत्रकार धारा यादव ने बताया कि जब से वह फ़तेहपुर में आएं है, तब से पुलिस अधिकारी हर बड़ी खबरों को नजर अंदाज करने के लिए लगातार दबाव बना रहे। जब रात करीब 10 बजे उन्हें दो बहनों के शव मिलने की जानकारी हुई तो घटना के कवरेज और मृतका की माँ के आरोपो पर उन्होंने पुलिस का पक्ष रखते हुए निष्पक्ष खबर भेजी।

 

खबर टीवी पर चलने के बाद ही उन पर पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार फोन कर दबाव बनाया जा रहा था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद उन्होंने एसपी के बयान पर अपडेट खबर भी दिखाई, इसके बावजूद भी उन्हें घेरने के लिए पुलिस अफसरों ने ये नापाक हथकंडा अपनाया है।

भारत समाचार ने रात में पुलिस द्वारा परिजनों को धमकाकर दोनो शवो का अंतिम संस्कार कराए जाने की ख़बर प्रमुखता से दिखाई तो सूत्र बताते है आईजी रेंज प्रयागराज कवींद्र प्रताप सिंह को यह नागवार लगा।

आईजी के निर्देश के बाद बुधवार की दोपहर पुलिस ने भारत समाचार व NEWS 18 के पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

हालांकि इस मामले में सभी प्रमुख अखबारों एवं राष्ट्रीय चैनलों ने भी फ्रंट पेज पर प्रमुखता से खबर छापा एवं दिखाया, लेकिन मुकदमा सिर्फ दो पर लिखा गया है। वहीं इस मामले पर अब भारत समाचार ने हाईकोर्ट जाने के लिए अपनी प्रक्रिया आरम्भ कर दी है।

खबर दिखाए जाने पर दो पत्रकारों के खिलाफ जिला प्रशासन की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता  जूही सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, उत्तर प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी वाली बयार अभी सरकार के अनुसार और अनुमति से ही बह रही है, फतेहपुर में दो बहनों का शव मिलने पर पीड़ित की मां का बयान दिखाने पर भारत समाचार और न्यूज18 के पत्रकार पर मुकदमा क्यों? खबर थी और दिखाई भी सबने थी, ‘अहंकार या अराजकता’

भारत समाचार के एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्रा ने समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा है कि, धन्यवाद, पीड़ितों की आवाज बनना मीडिया का प्राथमिक दायित्व है।फतेहपुर के बहादुर पत्रकारों की सराहना होनी चाहिए की वो सच दिखाने में कामयाब रहे।जो भी जांच ऐजेंसी जांच करना चाहे , हम उसे वीडियो एविडेंस उपलब्ध करा देंगे। उत्तरप्रदेश के पत्रकार ऐसे फर्जी मुकदमोें से नहीं डरते।

 

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