कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की बैठक आज….

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन का आज आठवां दिन है।

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों (farmers) के प्रदर्शन का आज आठवां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। हालांकि बातचीत के जरिए किसान और सरकार इस मसाले का हल निकलने में जुटे हैं। किसान संगठन सरकार से जल्द से जल्द इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। आज एक बार फिर दिल्ली में सरकार और किसान संगठन के प्रतिनिधियों के बीच बैठक होगी।

इससे पहले किसान (farmers) संगठनों और सरकार के बीच तीन दौर की बैठक बेनतीजा रही है। इससे पहले मंगलवार को भी किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक बेनतीजा रहा था। सरकार ने बैठक में कमेटी बनाने का ऑफर दिया था। मगर किसान नेताओं ने यह ऑफर ठुकरा दिया। उधर, सरकार का कहना है कि बैठक सकारात्मक रही है। अब आज होने वाली चौथे राउंड की बैठक में किसान आंदोलन को लेकर कोई न कोई हल निकलने की उम्मीद है।

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भारतीय किसान यूनियन पंजाब के महासचिव बलवंत सिंह का कहना है कि मंगलवार को हुई तीसरे दौर की बैठक में सरकार का रुख सहयोगात्मक नहीं दिखा। सरकार ने किसान (farmers) नेताओं के साथ मिलकर मुद्दों पर विचार के लिए एक कमेटी बनाने की बात कही थी। लेकिन कमेटियों का हाल किसी से छुपा नहीं है। कमेटी के जरिए मुद्दे को सरकार लटकाना चाहती थी। इसलिए हमने कमेटी की बात नहीं मानी।

अब आगे तीन दिसंबर को बात होगी।कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश के साथ हुई बैठक में मौजूद रहे पंजाब किसान (farmers) संगठन के नेता करनैल सिंह ने आईएएनएस को बताया कि बैठक बेनतीजा निकलने से किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। तीनों कृषि कानून कारपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले हैं। तीनों कानून को सरकार वापस लेगी, तभी किसान मानेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ लगातार वार्ता जारी रहेगी।

आपको बता दें कि केंद्रीय कृषि और किसान (farmers) कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शाम साढ़े तीन बजे से पहली बैठक शुरू हुई, जिसमें 32 किसान प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। वहीं बाद में कृषि मंत्रालय में भी बैठक हुई। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि राकेश टिकैत के नेतृत्व में कुछ किसान नेताओं ने भाग लिया।

 

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