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नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की 22वीं मीटिंग में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिए थे कि परिषद कुछ उत्‍पादों का टैक्‍स रेट कम कर सकती है. माना जा रहा है कि परिषद  सीमेंट, बाथ फिटिंग्‍स और कुछ अन्‍य उत्‍पादों को 28 फीसदी से निकालकर दूसरे टैक्‍स स्‍लैब में रखने पर विचार कर सकती है. दरअसल कुछ राज्‍यों के वित्‍त मंत्रियों ने उन उत्‍पादों को 28 फीसदी टैक्‍स रेट के दायरे में रखने पर आपत्ति जताई है, जो आम आदमी के सबसे ज्‍यादा काम आते हैं. ऐसे में उन्होंने मांग की है कि इन्‍हें 5 या 12 फीसदी टैक्‍स स्‍लैब में रखा जाए.

28 फीसदी की श्रेणी में हैं ये उत्‍पाद

कुछ राज्‍यों के वित्‍त मंत्र‍ियों ने 28 फीसदी के स्‍लैब में रखे गए कुछ उत्‍पादों को टैक्‍स रेट घटाने पर जोर दिया है. उन्‍होंने आशंका जताई है कि ज्‍यादा टैक्‍स रेट होने की वजह से दुकानदार कैश में पेमेंट ले रहे हैं और बिल भी जारी नहीं कर रहे. इससे टैक्‍स चोरी बढ़ रही है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने दो राज्‍यों के वित्‍त मंत्रियों के हवाले से बताया है कि कंस्‍ट्रक्‍शन के काम में उपयोग आने वाले अधिकतर उत्‍पाद के मामले में टैक्‍स चोरी की आशंका बढ़ रही है. इसमें बाथ फिटिंग्‍स, स्‍टील उत्‍पाद जैसे रोड समेत अन्‍य उत्‍पाद शामिल हैं.

दो श्रेणियों में बांटे जाएंगे उत्‍पाद

वित्‍त मंत्र‍ियों ने बताया कि अब उत्‍पादों को दो श्रेणियों में बांटने की तैयारी है. मेरिट और डिमेरिट. मेरिट में रखे गए उत्‍पादों पर कम जीएसटी रेट लगाया जाएगा. वहीं, डिमेरिट उत्‍पादों को ज्‍याद टैक्‍स स्‍लैब में रखा जाएगा. राज्‍य वित्‍त मंत्रियों के अलावा सीबीईसी के अधि‍कारियों ने भी यह बात कही है कि कई ऐसे उत्‍पाद हैं, जो अभी 28 फीसदी की श्रेणी में हैं, लेकिन उन्‍हें कम टैक्‍स स्‍लैब में होना चाहिए. एक राज्‍य के वित्‍त मंत्री ने बताया कि इस संबंध में जीएसटी की अगली मीटिंग में फैसला हो सकता है.

अरुण जेटली भी दे चुके हैं संकेत

शुक्रवार को वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने भी कुछ उत्‍पादों के टैक्‍स स्‍लैब को कम करने के संकेत दिए थे. जीएसटी परिषद की 22वीं बैठक में टैक्‍स स्‍लैब में कमी को लेकर कई राज्‍यों के वित्‍त मंत्र‍ियों ने चिंता जताई है. वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने 28 फीसदी टैक्‍स स्‍लैब में शामिल रेस्‍तरां पर कम रेट लगाने पर भी विचार करने के लिए कहा है.

बनाया पैनल

इसके लिए परिषद ने राज्‍यों के वित्‍त मंत्रियों का एक पैनल भी बनाया है. यह पैनल अलग-अलग रेस्‍तरां को श्रेणियों के हिसाब से बांटेगा और इन पर लगने वाले टैक्‍स स्‍लैब को कम करने की संभावनाओं पर विचार करेगा. मौजूदा समय में रेस्‍तरां और होटलों को 12 से 28 फीसदी टैक्‍स स्‍लैब में रखा गया है.

 

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