IPL फिक्सिंग: क्रिकेटर छूटे, फैसला सुन रोए श्रीसंथ, दाऊद-शकील बाइज्जत बरी

djd_14तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में आरोपी क्रिकेटर एस. श्रीसंथ, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को बरी कर दिया। कोर्ट ने इसकी वजह सबूतों की कमी बताई है। जब इस स्कैंडल का खुलासा हुआ था, तब ये तीनों क्रिकेटर राजस्थान रॉयल्स टीम के मेंबर थे। इस मामले में दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील को भी आरोपी बनाया गया था। कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसका साथी छोटा शकील बरी हुए हों। कोर्ट को शनिवार को इन क्रिकेटरों के खिलाफ आरोप तय करने थे। दोपहर ढाई बजे प्राॅसिक्यूशन ने जज से और सबूत पेश करने का वक्त मांगा। जब चार बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो कोर्ट प्रॉसिक्यूशन के दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रॉसिक्यूशन ने क्रिकेटरों पर आईपीएसी की धारा 120 यानी क्रिमिनल कॉन्स्पिरेसी के तहत आरोप तय करने पर जोर नहीं दिया, बल्कि वे धारा 420 यानी धोखाधड़ी के तहत ही आरोप तय करने की मांग कर रहे थे। कोर्ट ने क्रिकेटरों को इसलिए भी बरी किया, क्योंकि उनके खिलाफ circumstantial सबूत नहीं थे। जबकि उनके खिलाफ मकोका जैसे सख्त कानून की धाराएं लगाने की मांग की जा रही थी। इसके तहत, ठोस सबूत होना जरूरी है। क्रिकेटरों को बरी करने का यही आधार बना।

फैसला सुनते ही रो दिए श्रीसंथ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीसंथ उन्हें बरी किए जाने के फैसले को सुनते ही कोर्टरूम के अंदर ही रो दिए। बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ”जब मैंने कुछ किया ही नहीं था तो एक न एक दिन बरी होना ही था। अब मैं अपनी नॉर्मल लाइफ शुरू कर सकूंगा।” अजीत चंदीला ने कहा, ”इससे बड़ी राहत मेरे लिए नहीं हो सकती। यह एक बुरा सपना था जो खत्म हो गया।”
 आगे क्या?
1. श्रीसंत, चंदीला, चव्हाण अपने बैन के खिलाफ बीसीसीआई में अपील कर सकेंगे।
2. प्रॉसिक्यूशन अपर कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है।
3. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा है कि वह दोबारा इस केस की जांच करना चाहती है। पुलिस को इजाजत मिली तो केस दोबारा खुलेगा।
इससे पहले तीनों आरोपी क्रिकेटर सबूतों के अभाव में जमानत पर रिहा हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 42 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 6 फरार थे। गौरतलब है कि इस मामले में अदालत ने पुलिस की जांच पर ही सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि प्रथमदृष्टया कोई सबूत नहीं दिखता कि आरोपियों ने मैच फिक्स किए हैं। आरोप तय करने को लेकर हुई जिरह के दौरान पुलिस ने आरोपियों के मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी में शामिल होने के अपने दावे को पुख्ता करने के लिए आरोपियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत का रेफरेंस दिया था।
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button