JDU शरद गुट ने नीतीश को अध्‍यक्ष पद से हटाया, सभी फैसलों को असंवैधानिक बताया

पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में चल रहे आंतरिक विवाद के बीच रविवार काे शरद गुट ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। शरद गुट दिल्‍ली के कांस्‍टीच्‍यूशन क्‍लब में अपनी राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 19 राज्‍यों के प्रदेश अध्‍यक्ष शामिल हुए। बैठक में नीतीश कुमार को पार्टी अध्‍यक्ष पद से हटाते हुए उनके सभी फैसलों को असंवैधानिक करार दे रद कर दिया गया।

दूसरी ओर पार्टी पर कब्‍जे की यह लड़ाई सड़कों पर भी उतर आई है। मध्य प्रदेश स्थित भोपाल के जदयू कार्यालय पर नीतीश गुट ने कब्जा कर ताला जड़ दिया है। यह मामला पुलिस तक पहुंच चुका है।

जदयू के शरद यादव गुट ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाकर गुजरात के वरिष्ठ पार्टी नेता छोटू भाई वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। बैठक में पार्टी के 19 प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारिणी के सदस्य शामिल रहे। बैठक में नीतीश कुमार पार्टी अध्‍यक्ष के रूप में लिए गए सभी फैसलों को अवैध घोषित करते हुए उन्‍हें रद कर दिया गया।

जदयू से निकाल दिए गए शरद गुट के नेता अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पार्टी ने एक अनुशासन समिति भी बनाई है जो नीतीश कुमार सहित अन्य पर कार्रवाई करेगी। साथ ही वे लोग पार्टी के चुनाव चिह्न के मुद्दे पर सोमवार को चुनाव आयोग से मिलेंगे। वे पार्टी पर अपने दावे से संबंधित दस्तावेज जमा करने के लिए कुछ समय मांगेंगे।

बैठक के पहले शरद गुट की नेता परवीन अमानुल्‍लाह ने दावा किया था कि शरद द्वारा बुलाई गई राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सफल होगी। उधर, शरद समर्थक गोविंद यादव ने तो पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार के चुनाव व पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी को ही असंवैधानिक करार दिया। उन्‍होंने कहा कि पहले तो यह तय हो कि पार्टी कहां है।

पार्टी नेता अरुण श्रीवास्तव ने कहा है कि कुछ लोगों को लग रहा है कि पार्टी केवल नीतीश कुमार की है। हम लोगों ने अधूरे कागजात जमा किए थे, इस कारण चुनाव आयोग ने हमारी दावेदारी निरस्त कर दी थी। अब हमलोग सभी तरह से कागजात सौंप रहे हैं।

जदयू के इस विवाद के बीच पार्टी नेता महेश्‍वर हजारी कहते हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में जदयू एकजुट है। पार्टी प्रवक्‍ता संजय झा ने कहा कि जदयू को लेकर चुनाव आयोग का फैसलास आ चुका है। अब इसमें कोई संशय नहीं रहा।

यह है मामला

विदित हो कि महागठबंधन से अलग होने के बाद से ही नीतीश कुमार व शरद यादव के बीच पार्टी को लेकर सियासी लड़ाई जारी है। शरद यादव महागठबंधन के समर्थन में हैं, जबकि नीतीश कुमार ने महागठबंधन के विरोधी राजग के साथ मिलकर सरकार बना ली है। विरोध करने पर शरद समर्थकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जदयू अब शरद की राज्यसभा सदस्‍यता को समाप्‍त कराने के लिए भी प्रयासरत है।

 

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