कौशांबी: मुख्यालय से सटी सड़कों का हाल बत्तर, सरकार की योजनाओं पर उठाए जा रहे सवाल

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़को को गड्ढा मुक्त करने का जो फ़रमान सुनाया था उसका असर कौशांबी जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर नही दिख रहा है। ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योंकि कुछ ग्राम पंचायतों में व अन्य जगहों को छोड़ कर सभी ग्राम पंचायत की सड़कों को गड्ढा मुक्त अभियान के तहत ठीक किया गया था।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़को को गड्ढा मुक्त करने का जो फ़रमान सुनाया था उसका असर कौशांबी जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर नही दिख रहा है। ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योंकि कुछ ग्राम पंचायतों में व अन्य जगहों को छोड़ कर सभी ग्राम पंचायत की सड़कों को गड्ढा मुक्त अभियान के तहत ठीक किया गया था। लेकिन सही ढंग से इन सड़कों को गड्ढा मुक्त किए हुए अभी छः माह भी नही बीते है यह सड़के फिर से गड्ढा युक्त हो चुकी है।

जिनकी सुध लेना जिले के संबंधित अधिकारी मुनासिब नही समझ रहे है। जिससे इन अफसरों की वजह से सरकार की गड्ढा मुक्त अभियान की पोल खोल कर रख दी है। वही सरकार की जमकर फजीहत भी हो रही है।

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपने गृह जनपद में सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने का भी दम भर चुके हैं ।लेकिन इन सड़कों की हालत देखने के बाद ऐसा कहीं नहीं लगता है कि इन्हें गड्ढा मुक्त कराया गया था। अब देखने वाली बात यह होती है कि सरकार की फजीहत कराने वाले इन अधिकारियों के ऊपर क्या कार्रवाई होती है।

क्योंकि ये अधिकारियों की लापरवाही है जिन्होंने घटिया सामग्री इस्तेमाल कर सड़कों का ऐसा बनाया की सड़कें 6 महीने के अंदर ही बेदम हो चुकी हैं। इन सड़कों से आने जाने वाले ग्रामीण एक और जहां अफसरों को जमकर कोस रहे हैं वहीं सरकार से घटिया निर्माण करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

 

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