LIVE: रामलला के वकील ने SC में दिखाई रिपोर्ट, खुदाई में गुंबद के पास मिली थी रामलला की मूर्ति

नई दिल्ली। रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई आज भी जारी है. 6 अगस्त को इस मसले पर रोजाना सुनवाई शुरू हुई थी, जिसके तहत हफ्ते में पांच दिन ये मामला सुना जा रहा है. अभी तक निर्मोही अखाड़ा के वकील, रामलला विराजमान के वकील अपने तर्क रख चुके हैं. शुक्रवार को भी रामलला विराजमान के वकील सीएस. वैद्यनाथन अपने तर्कों को आगे बढ़ा रहे हैं.

16.8.2019 की सभी दलीलें यहां पढ़ें…

11.20 AM: रामलला के वकील ने कहा कि अप्रैल 1950 में विवादित क्षेत्र का निरीक्षण हुआ तो कई पक्के साक्ष्य मिले. जिसमें नक्शे, मूर्तियां, रास्ते और इमारतें शामिल हैं. परिक्रमा मार्ग पर पक्का और कच्चा रास्ता बना था, आसपास साधुओं की कुटियाएं थी.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि सुमित्रा भवन में शेषनाग की मूर्ति भी मिली थी. रामलला के वकील सीएस. वैद्यनाथन ने कहा कि पुरातत्व विभाग की जनवरी 1990 की जांच और रिपोर्ट में भी कई तस्वीरें और उनका साक्ष्य दर्ज हैं. 11 रंगीन तस्वीरें उस रिपोर्ट के एल्बम में हैं जिनमें स्तंभों की नक्काशी का डिटेल चित्रण और वर्णन है.

11.10 AM: अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू हो गई है. रामलला विराजमान के वकील सीएस. वैद्यनाथन ने अदालत में नक्शा और रिपोर्ट दिखाकर कहा कि जन्मभूमि पर खुदाई के दौरान स्तम्भ पर शिव तांडव, हनुमान और देवी देवताओं की मूर्तियां मिली थीं. इसके अलावा पक्का निर्माण में जहां तीन गुम्बद थे, वहां बाल रूप में भगवान राम की मूर्ति थी.

बुधवार को अदालत में चले थे तर्कों के तीर

शुक्रवार को इस सुनवाई का छठा दिन है, गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस की वजह से अदालत की छुट्टी थी. बुधवार को आखिरी सुनवाई में अदालत ने रामलला के वकील से कई सवालों के जवाब मांगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान पूछा कि मंदिर तोड़ने के लिए आदेश बाबर या उसके सेनापति ने ही दिए थे, इसके क्या सबूत हैं? इसके अलावा अदालत की ओर से रामजन्मभूमि का दावा करने वाले सबूतों का भी हवाला मांगा था.

रामलला के वकील ने दिया पुराणों का हवाला

रामलला विराजमान के वकील सीएस. वैद्यनाथन ने अपने तर्कों में पुराण, ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला दिया. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि रामजन्मभूमि और मंदिर के साथ करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी है. वहीं रामलला के वकील ने इस बात को भी अदालत में उठाया कि मुस्लिम पक्ष की ओर से पहले भी ये माना जा चुका है कि रामजन्मभूमि पर मंदिर था.

आपको बता दें कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रही है. इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button