लोक जनशक्ति पार्टी पिछड़ा एवं अति पिछड़ा प्रकोष्ठ ने मनाई ‘संत शिरोमणि गुरु रविदास की जयंती’

जिला प्रवक्ता सदावृज राजभर ने किया जयंती के अवसर पर गरीबों को कंबल का वितरण किया गया। प्रदेश अध्यक्ष शिव मोहन शिल्पकार ने भारत में 15वीं शताब्दी के एक महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे।

आजमगढ़:- लोक जनशक्ति पार्टी पिछड़ा एवं अति पिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा महान संत शिरोमणि गुरु रविदास जी कि 644 वाँ जयंती पार्टी कार्यालय कलेक्ट्री कचहरी नगर पालिका रोड आजमगढ़ पर हर्षोल्लास एवं उनके चित्र पर पुष्प माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष नंदिनी गोंड एवं संचालन

वे एक महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे

जिला प्रवक्ता सदावृज राजभर  ने किया  जयंती के अवसर पर गरीबों को कंबल का वितरण किया गया। प्रदेश अध्यक्ष शिव मोहन शिल्पकार ने भारत में 15वीं शताब्दी के एक महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे।

संत रविदास ने विविध प्रकार की आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश

वो निर्गुण संप्रदाय  अर्थात् संत परंपरा में एक चमकते नेतृत्वकर्ता और प्रसिद्ध व्यक्ति थे. उत्तर भारतीय भक्ति आंदोलन को नेतृत्व देते थे। ईश्वर के प्रति अपने असीम प्यार और अपने चाहने वाले, अनुयायी, सामुदायिक और सामाजिक लोगों में सुधार के लिए अपने महान कविता लेखनों के जरिए संत रविदास ने विविध प्रकार की आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश दिए।

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जूता बनाने जैसे कार्यों के बारे में उल्लेख किया जो घोर निंदनीय है

गुरु रविदास जयंती के मौके पर आज आपको उनके अनमोल विचार के बारे में बताते हैं शिरोमणि जी काशी के छतरपुर स्टेट परिवार से आते थे कुछ मनुवादी विचारधारा वाले उन्हें जूता बनाने जैसे कार्यों के बारे में उल्लेख किया जो घोर निंदनीय है।

जो मिला उसे सहर्ष अपनाया- संत  तौर पर मिला. उन्‍होंने इसे खुशी से अपनाया वे अपना काम पूरी लगन से करते थे। यही नहीं वे समय के पाबंद भी थे। सबकी मदद करते थे- रैदास की खासियत ये थी कि वे बहुत दयालु थे। दूसरों की मदद करना उन्‍हें भाता था कहीं साधु-संत मिल जाएं तो वे उनकी सेवा करने से पीछे नहीं हटते थे।

अन्‍याय को कभी नहीं सहा- उन्‍होंने समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई. छुआछूत आदि का उन्‍होंने विरोध किया और पूरे जीवन इन कुरीतियों के खिलाफ ही काम करते रहे। इसी क्रम में श्री शिल्पकार ने  में कहा कि

संत जी समाज की कुरीतियों के खिलाफ आवाज तो उठाते थे पर उन्‍होंने कभी किसी की आलोचना नहीं की। इसी क्रम में सभी वक्ता गणों में सर्वश्री:- पूर्व शिक्षक जोखू प्रसाद गुप्ता, राम पलट विश्वकर्मा, महेंद्र राय,हौशिला राजभर,  गणेश गौतम आदि ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी सदा जीवन सत्कर्म के बदौलत संसार में अपना नाम स्थापित किया।

 

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