लखनऊ: ग्राहकों को सोने के साथ बीकानेरी चांदी का करवा भी आ रहा लोगों को पसंद

बुधवार 4 नवंबर को करवाचौथ है। कोरोना काल में करवाचौथ की खरीदारी को लेकर दुकानें ग्राहकों से गुलजार हैं। लहंगा और साड़ी की दुकानों से लेकर बर्तन बाजार तक हर तरफ करवा चौथ की खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ है।

बुधवार 4 नवंबर को करवाचौथ है। कोरोना काल में करवाचौथ की खरीदारी को लेकर दुकानें ग्राहकों से गुलजार हैं। लहंगा और साड़ी की दुकानों से लेकर बर्तन बाजार तक हर तरफ करवा चौथ की खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ है। इस बार करवाचौथ पर बीकानेरी सोने की बहुत मांग है। इसी के साथ मुरादाबादी नक्कासी वाले पीतल और कांस का करवा भी लोगों को खूब भा रहा है।

सर्राफा बाजार में करीब 212 ग्राम 200 मिलीग्राम से अधिक वजन का सोने का करवा 12 लाख 10 हजार में बिक गया। इसी तरह शहर की दूसरी दुकानों पर भी अलग तरह के सोने अच्छी कीमतों में बिक गए। बाजार में इस बार पुराने ट्र्रेडिशनल हाथ से काम किए जाने वाला करवा लोगों की पसंद में है। विशेष तरह से डिजाइन किया गया इस करवे का आकर्षण चेन और कुंदन का काम है। आलमबाग के सर्राफ राजीव गुप्ता ने बताया कि 390 ग्राम वजन के इस करवे की कीमत 31,200 रुपये है। इसमें सारा काम कारीगरों द्वारा हाथ से किया गया है। इसी के साथ लखनवी चांदी का करवा भी पसंद किया जा रहा है। बीकानेरी चांदी के करवा की मांग बहुत है। वजन के हिसाब से ऑन डिमांड इसे तैयार किया जाता है। बेजोड़ नक्कासी वाला यह करवा बाजार में सवा सौ से ढाई सौ ग्राम के बीच उपलब्ध है। इसका दाम भी ज्यादा है।

हालांकि, जो लोग महंगा करवा नहीं खरीद सकते उनकी पॉकेट के अनुसार, बाजार में सस्ते करवे भी उपलब्ध हैं। गीलट का करवा साढे पांच सौ रुपये किलो है तो पीतल का मुरादाबादी नक्कासीदार कटे ग्रुव वाला करवा साढे पांच सौ से लेकर पंद्रह सौ तक है। वहीं सादा पीतल का करवा छह सौ से लेकर एक हजार रुपये की कीमत का है।

 

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