Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या के दिन गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, प्रयागराज और वाराणसी में उमड़ा जनसैलाब
हिन्दू पंचांग के मुताबिक माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन...
हिन्दू पंचांग के मुताबिक माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का काफी महत्व होता है। इन दिन अगर संपूर्ण रूप से मौन रहा जाए तो अद्भुत स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
आज मौनी अमावस्या के मौके पर गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। मौनी अमावस्या के खास मौके पर लोग गंगा में स्नान कर रहे हैं। आस्था की नगरी प्रयागराज में संगम पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह-सुबह आस्था की डुबकी लगाते नजर आए। वहीं, धर्म नगरी वाराणसी के घाटों पर भी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
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क्या है मौनी अमावस्या?
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता हैं, जिसे हिन्दू धर्म में धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
मौन रहकर स्नान और दान करने का काफी महत्व
ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन मौन रहकर पवित्र नदी या जलकुंड में स्नान और दान करने का काफी महत्व होता है, इसीलिए हरिद्वार, प्रयागराज समेत अन्य स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई है, जहां स्नान कर श्रद्धालु पुण्य कमाते हैं।
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अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति
ऐसा भी कहा जाता है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन मौन रहकर शिव की आराधना करें तो अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि इस अमावस्या पर स्नान और पूजन से ग्रह दोष दूर होते हैं।
पितरों की आत्मा को मिलेगी शांति
ज्योतिशषों की सलाह के मुताबिक, मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन भगवद्गीता का पाठ अवश्य करें, इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
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