पूजा के वक्त घंटी बजाने के चमत्कार, जानिए
सनातन परंपरा में देवी-देवताओं की पूजा करने की तमाम तरह की विधियां बताई गई हैं । मसलन, कोई देवता मात्र जल से तो कोई महज पत्ती से तो कोई महज दूर्वा से ही प्रसन्न हो जाते हैं।
सनातन परंपरा में देवी-देवताओं की पूजा करने की तमाम तरह की विधियां बताई गई हैं । मसलन, कोई देवता मात्र जल से तो कोई महज पत्ती से तो कोई महज दूर्वा से ही प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं जब हम अपने आराध्य की साधना-आराधना विधि-विधान से करते हैं तो हमें कई चीजों की जरूरत पड़ती है। पूजा के कई नियमों का पालन भी करना पड़ता है। वैसे तो हम भगवान की पूजा धूप, दीपक, अगरबत्ती आदि चीज़ों से करते हैं लेकिन घंटी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। पूजा के समय घंटी बजाने को शुभ माना जाता है और यह प्रथा प्राचीनकाल से ही चली आ रही है तो ज़रूर इसके पीछे कोई न कोई कारण होगा।
आइए जानते हैं आखिर क्यों बजाते हैं हम घंटी और क्या है इसका महत्व और लाभ
1. गरुड़ घंटी छोटी होती है जिसे हम हाथ से बजाते हैं ।
2. द्वार घंटी बड़े और छोटे दोनों ही अकार की होती है जिसे द्वार पर लटकाते हैं।
3. हाथ घंटी पीतल की ठोस एक गोल प्लेट की तरह होती है जिसको लकड़ी के एक गद्दे से ठोककर बजाते हैं।
4. घंटा यह बहुत ही बड़ा होता है इसकी आवाज बहुत दूर तक जाती है।
हमारे वैज्ञानिकों के अनुसार घंटी की ध्वनि से वातावरण में कंपन पैदा होता है जो वायुमंडल में काफी दूर तक जाता है जिसके कारण इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं और आसपास सम्पूर्ण वातावरण शुद्ध हो जाता है।
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