NSA मीटिंग: डोभाल से पहले सरताज से मिलेंगे हुर्रियत नेता

नई दिल्ली। पिछले 48 घंटे से भारत-पाक के बीच जारी पॉलिटिकल ड्रामे के बाद यह साफ है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने पाकिस्तान का न्योता स्वीकार कर लिया है। गुरुवार सुबह कश्मीर में हुर्रियत नेताओं की नजरबंदी हुई और दो घंटे बाद ही नजरबंदी हटा दी गई। इस ड्रामे के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में अावामी ऐक्शन कमिटी के चेयरपर्सन मीरवाइज उमर फारूक ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि वे 23 अगस्त को नई दिल्ली में सरताज अजीज से मिलने जाएंगे।
टीवी चैनल से बात करते हुए मीरवाइज ने कहा, ‘हमने कल तय किया है कि हम 23 अगस्त को ही पाकिस्तानी एनएसए के बुलावे पर जा रहे हैं।’ मीरवाइज ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि भारत-पाक की बातचीत हो, लेकिन पता नहीं इससे भारत को क्या दिक्कत हो जाती है।
उन्होंने बताया, ‘हमारा मुख्य अजेंडा यह है कि कश्मीर बातचीत के केंद्र में रहे। सबसे पहले कश्मीर के लोगों की चिंता की जानी चाहिए।’ मीरवाइज ने यह भी कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि अगर मुद्दों को सुलझाना नहीं है, तो ये मुलाकतें क्यों की जाती हैं। अगर यह पूरी कवायद फोटो सेशन के लिए ही है तब तो कोई बात ही नहीं की जा सकती।’
उन्होंने यह भी कहा कि हुर्रियत को उम्मीद थी कि बीजेपी सरकार कुछ नया करेगी। कश्मीर के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। आतंक, घुसपैठ और ये सारी चीजें कश्मीर से जुड़ी हुई हैं।
मीरवाइज ने कहा कि नई उम्र के युवा आतंक के रास्ते पर बढ़ रहे हैं क्योंकि उन्हें बातचीत से कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है। मीरवाइज ने कहा, ‘अगर राजनीतिक दृढ़ संकल्प है, तो यह मुलाकात कारगर साबित हो सकती है। फिलवक्त तो नंबर बनाने की होड़ चल रही है।’
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