जानें, पीएम मोदी ने मन की बात में क्यों कहा, पारस से भी कीमती है पानी ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 28 फरवरी को 74वीं बार मन की बात कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं. मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) रविवार 28 फरवरी को 74वीं बार मन की बात कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं. मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है. जल हमारे जीवन है और आस्था के साथ ही विकास की धारा भी है. पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा कीमती है. हमें पानी को लेकर अपनी जिम्मेदारियों को समझनी चाहिए. पीएम मोदी (PM Modi) ने आगे कहा, जैसे पारस के छूने से लोहा सोने में बदल जाता है वैसे ही पानी का स्पर्श हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने पानी संरक्षण को लेकर कहा, हमें अभी से प्रयास करना शुरू कर देना चाहिए. 22 मार्च को विश्व जल दिवस भी है. इसके साथ ही शनिवार को माघ पुर्णिमा का पर्व था. माघ महीना विशेष रूप से नदियों और झरनों और सरोवरों के जल स्रोतों से जुड़ा हुआ माना जाता है. माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान करने को पवित्र माना जाता है.

पीएम मोदी (PM Modi) ने मन की बात कार्यक्रम में आगे कहा, शनिवार को रविदास जी की जयंती भी थी. जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक सामाजिक महत्व की चर्चा होती है तो ये चर्चा संत रविदास के नाम के बिना पूरी नहीं होती. माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा, रविदास जी कहते थे, करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस, कर्म मानुष का धर्म है, सत् भाखै रविदास। अर्थात हमें निरंतर अपना कर्म करते रहना चाहिए, फिर फल तो मिलेगा ही. कर्म से सिद्धि तो होती ही है.

 

 

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