दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीरो टॉलरेंस की रणनीति
केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति पर पूरी तरह से कायम है। राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सरकार ने
दिल्ली: केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति पर पूरी तरह से कायम है। राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सरकार ने UAPA अधिनियम के प्रावधानों के तहत 18 और व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया है। इसमें पाकिस्तान की जमीन पर पल रहे कई आतंकवादी भी शामिल हैं। हिज्बुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, इंडियन मुजाहिद्दीन के भटकल बंधुओं को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है।
गृह मंत्रालय ने बताया, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, सरकार ने यूएपीए अधिनियम 1967 (2019 में संशोधित) के प्रावधानों के तहत अठारह और व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया है।’
सरकार द्वारा जारी इस सूची में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी भी शामिल हैं। इसमें 26/11 मुंबई हमले में आरोपी अतंकी संगठन लश्कर का यूसुफ मुजम्मिल, लश्कर चीफ हाफिज सईद का बहनोई अब्दुर रहमान मक्की, 1999 में कंधार lC-814 विमान अपहरण में शामिल यूसुफ अजहर, मुंबई धमाकों के साजिशकर्ता टाइगर मेमन और छोटा शकील भी शामिल हैं।
बता दें कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) संशोधन बिल, 2019 को गृह मामलों के मंत्री अमित शाह ने 8 जुलाई, 2019 को लोकसभा में पेश किया था जिसे 24 जुलाई को लोकसभा द्वारा पास कर दिया गया था। यह बिल गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) एक्ट, 1967 में संशोधन करता है। यह एक्ट आतंकी और नक्सलवादी गतिविधियों को काबू में करने के लिए पुराने एक्ट में कुछ बदलाव करता है ताकि भारत के खिलाफ होने वाली आतंकी गतिविधियों से कड़ाई से निपटा जा सके।
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