रावण ने मरते वक्त लक्ष्मण को बताई थी ये तीन बातें

भगवान शिव शंकर के परम भक्त रावण (Ravan) लंका का राजा था। रावण रामायण का एक प्रमुख प्रतिचरित्र है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि रावण (Ravan) में तमाम बुराईयां थीं, लेकिन पूरा संसार इस बात से भी अवगत है कि रावण प्रकांड पंडित था और वह परम ज्ञानी भी था।

भगवान शिव शंकर के परम भक्त रावण (Ravan) लंका का राजा था। रावण रामायण का एक प्रमुख प्रतिचरित्र है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि रावण (Ravan) में तमाम बुराईयां थीं, लेकिन पूरा संसार इस बात से भी अवगत है कि रावण प्रकांड पंडित था और वह परम ज्ञानी भी था। रावण में अनेक गुण भी थे। रावण (Ravan) सारस्वत ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र और विश्रवा का पुत्र था, जो कि एक परम भगवान शिव भक्त होने के साथ-साथ उद्भट राजनीतिज्ञ, महापराक्रमी योद्धा, अत्यन्त बलशाली और महाप्रतापी था। रावण को शास्त्रों का प्रखर ज्ञान प्राप्त था।

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र सारा ज्ञान अर्जित किया था। लंकापति रावण (Ravan) की एक पत्‍नी थी, जिसका नाम मंदोदरी था। रावण अपनी पत्नी से अति प्रेम करता था। रामचरित मानस के अनुसार, जब रावण (Ravan) ने सीता माता का हरण कर लिया, तब श्रीराम वानर सेना सहित समुद्र पार करके लंका पहुंच गए थे, जिससे मंदोदरी डर गई। डर से उसने रावण के पास जा कर युद्ध ना करने और सीता को वापस उनके पति श्रीराम के हवाले कर देने व उनसे क्षमा मांग लेने की बात कही थी, लेकिन रावण नहीं माना।

तमाम बुराईयां होने के बाद भी रावण प्रकांड पंडित था। वहीं जब भगवान श्री राम ने रावण का वध किया तो उसके मरने से पहले भगवान श्री राम ने अपने भाई लक्ष्‍मण को रावण से ज्ञान लेने के लिए कहा था। रावण ने अपने मेरने से पहले लक्ष्‍मण को तीन बातें बताई थी।

1.पहली बात-

शुभ कार्य को जितना जल्दी हो सके कर डालना चाहिये और अशुभ कार्य जितना टाल सके उतना टाल देना चाहिए। यानि शुभस्य शीघ्रम्। मैंने श्रीराम को पहचानने में बहुत देर कर दी और इसी कारण आज मेरी यह हालत हुई है।

2. दूसरी बात-

अपने प्रतिद्वंद्वी व अपने शत्रु को कभी भी अपने से छोटा मत समझो। जिस प्रकार मैने भगवान श्री राम, लक्ष्मण और उनकी वानर सेना को साधारण समझा था उन्होंने मेरी पूरी सेना को नष्ट कर दिया।

3. तीसरी बात-

अपने जीवन का कोई भी राज किसी को भी नहीं बताना चाहिए उसे गुप्त ही रखना चाहिए। फिर चाहे वो अपका सबसे प्रिय क्यों ना हो। विभीषण मेरी मृत्यु का राज जानता था। ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी।

 

 

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