ललितपुर – प्रधान के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर ग्रामीणों का पलटवार

आगामी वर्ष में ग्राम पंचायत चुनाव संपन्न होने हैं जिसको लेकर अभी से गांव में पक्ष और विपक्ष की रस्साकशी होने लगी है।जिसको लेकर एक पक्ष पिछले 5 बर्षों में कराए गए विकास कार्यों के दौरान शिकायत कर किये गए भ्र्ष्टाचार की जांच की मांग करता है।

आगामी वर्ष में ग्राम पंचायत चुनाव संपन्न होने हैं जिसको लेकर अभी से गांव में पक्ष और विपक्ष की रस्साकशी होने लगी है।जिसको लेकर एक पक्ष पिछले 5 बर्षों में कराए गए विकास कार्यों के दौरान शिकायत कर किये गए भ्रष्टाचार जांच की मांग करता है।

तो दूसरा पक्ष अपने समर्थन में ग्रामीणों को एक जुट कर अपने ही पक्ष में शिकायत को खारिज करने की बात करता है जिसके लिए वाकायदा ज्ञापन देकर मामले को खारिज करने की मांग उठाई जाती है। जबकि ग्राम प्रधान शिकायत के कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गांव में कराए गए विकास कार्यों के बारे में बता चुकी हैं।

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गंभीरता से जांच कर ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई थी

मामला विकास खण्ड मड़ावरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत बगौनी का है। बताया गया है कि ग्राम पंचायत बगौनी की ग्राम प्रधान रुचिका बुंदेला द्वारा पिछले 5 बर्षों में शासन की मंशा के अनुरूप गांव में कई विकास कार्य कराए गए हैं । जिसको लेकर विपक्ष के साथ कुछ ग्रामीण एकजुट हुए और जिला प्रशासन को शिकायती पत्र के साथ जनसूचना से प्राप्त लगभग 600 पृष्ठों का विवरण देकर गांव के विकास कार्यों में धांधली का आरोप ग्राम प्रधान पर लगाया और उक्त मामले में गंभीरता से जांच कर ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई थी।

जिसके परिपेक्ष में लगभग दो दर्जन ग्रामीणों की फौज ग्राम प्रधान के समर्थन में सड़कों पर उतरी और कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी कर जिला अधिकारी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा । जिसमें ग्रामीणों ने गांव में पिछले 5 बर्षों में ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए विकास कार्यों को सही बता कर मामले को सिरे से खारिज करने की मांग उठाई थी। हालांकि ग्राम प्रधान रुचिका बुंदेला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री से वार्ता की और गांव में कराए गए विकास कार्यों का विवरण भी दिया था।

32 लाख के गबन का आरोप लगाया है

इस मामले में ग्राम प्रधान के विपक्षी रज्जू राजा का कहना था कि सरकार की मंशा के अनुरूप गांव में विकास कार्य ग्राम प्रधान द्वारा नहीं कराए गए कार्यों की मिलीभगत से संपर्क हुआ है। जो काम मनरेगा से दर्शाये गये हैं वह धरातल पर हुये ही नहीं हैं । लगभग आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों ने जन सूचना अधिकार अधिनियम के द्वारा प्राप्त प्रपत्रो के आधार पर प्रधान पर 32 लाख के गबन का आरोप लगाया है ।

 

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