RSS नेताओं की हत्या पर आर-पार की जंग, केरल पहुंचे जेटली

तिरुअनंतपुरम। देश की राजनीति पर दबदबा कायम करने के बाद अब बीजेपी के फोकस में सुदूर दक्षिण का राज्य केरल है। बीते कुछ वक्त में यहां कई आरएसएस मेंबर्स की हुई हत्याओं के मुद्दे पर बीजेपी अपने राजनीतिक विरोधी सीपीएम से आर-पार की लड़ाई के मूड में आ चुकी है। पार्टी ने अपने सबसे सीनियर नेताओं को केरल के मोर्चे पर उतारने का फैसला किया है। इसी रणनीति के तहत वित्त मंत्री अरुण जेटली रविवार को तिरुअनंतपुरम पहुंचे। जेटली यहां आरएसएस कार्यकर्ता राजेश के घर गए, जिनका कथित तौर पर सीपीएम सदस्यों ने बीते महीने मर्डर कर दिया था। केंद्रीय मंत्री उस आरएसएस कार्यकर्ता के घर भी जाएंगे जो सीपीएम सदस्यों के कथित हमले में बुरी तरह घायल हो गया था। इसके अलावा, वह हिंसा के शिकार अन्य पीड़ित परिवारों से भी बातचीत करेंगे।

 

जेटली को केरल भेजने के फैसले को राजनीतिक जानकार मोदी सरकार द्वारा राज्य में पार्टी की संभावनाओं और असल राजनीतिक हालात को समझने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं। लंबे वक्त से यहां सत्ताधारी लेफ्ट और आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प चली आ रही है। केंद्र सरकार का यह फैसला संघ और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी हद तक बढ़ाएगा। आरएसएस बीते काफी वक्त से राज्य में कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहा है। इस मांग के नजरिए से भी जेटली का दौरा बेहद अहम है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति से लेकर विभिन्न विधानसभा चुनावों में राजनीतिक प्रभुत्व साबित करने के बाद बीजेपी अब इस तरह के क्षेत्रीय मुद्दों पर फोकस करने का मूड बना चुकी है।

राज्य बीजेपी नेताओं से जुड़े नजदीकी सूत्रों ने कहा, ‘सीपीएम को यह नहीं सोचना चाहिए कि बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की मौत का कोई असर नहीं होगा। शायद ऐसा पहली बार हो, जब सीपीएम को पूर्व में की गई अपनी सभी राजनीतिक हिंसा की कीमत चुकानी पड़े। शांति की किसी भी पहल का बीजेपी स्वागत करेगी, लेकिन पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इन राजनीतिक हत्याओं का इस्तेमाल करके राष्ट्रीय स्तर पर सीपीएम को शर्मसार करने में गुरेज भी नहीं करेगा।’ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी हालात का जायजा लेने अगले हफ्ते केरल पहुंच सकते हैं।

राजनीतिक विरोधियों की दलील है कि बीजेपी एक खास वजह से केरल में हो रही राजनीतिक हिंसा को जरूरत से ज्यादा तवज्जो दे रही है। इनके मुताबिक, बीजेपी राज्य में हुए मेडिकल कॉलेज घोटाले की वजह से पार्टी को हुए नुकसान को कम करके की कोशिश कर रही है। पार्टी के कई नेताओं का नाम इस घोटाले में जुड़ा था। विरोधियों का यह भी तर्क है कि ध्यान भटकाने की रणनीति के तहत बीजेपी ने केरल पर फोकस किया है। सीपीएम के पोलित ब्यूरो के सदस्यों ने शुक्रवार को दावा किया कि बीजेपी जैसा दावा कर रही है, वैसा कुछ भी नहीं है। ये सभी हमले एकतरफा नहीं हैं। पार्टी का दावा है कि हाल के वक्त में बीजेपी और आरएसएस के सदस्यों के हमले में एक दर्जन से ज्यादा लेफ्ट कार्यकर्ताओं को जान गंवानी पड़ी और सैकड़ों लोग घायल हुए।

दरअसल, सीपीएम भी राज्य में हो रही हिंसा के राष्ट्रीय परिदृश्य में आने को लेकर चिंतित है और अपना घर बचाने की कोशिश में लग गई है। पार्टी ने मांग की है कि जेटली को उन लोगों के घरों का भी दौरा करना चाहिए जिनकी जान कथित तौर पर आरएसएस और बीजेपी सदस्यों की हिंसा में गई है। इसी क्रम में सीपीएम सदस्यों और पीड़ित परिवारों ने रविवार को तिरुअनंतपुरम स्थित राजभवन के सामने प्रदर्शन किया। यहां जेटली गवर्नर से मिलने के लिए आने वाले थे। गवर्नर ने आरएसएस मेंबर की हत्या पर सीएम को तलब किया था। सत्ताधारी पार्टी ने गवर्नर के बर्ताव पर सवाल उठाए थे।

Kerala: CPI (M) members & their families stage protest outside Raj Bhavan in Thiruvananthapuram, over attacks on pa… https://t.co/V8arwMQuxj

 

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