SHO ने मुझे मार मारकर भरता बनाने की धमकी दी: योगेंद्र यादव

Yogendra-Yadavतहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, नई दिल्ली। मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता योगेंद्र यादव को रिहा कर दिया। योगेंद्र यादव अभी स्वराज अभियान के हेड हैं। पूरी रात पुलिस स्टेशन पर गुजारने के बाद योगेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस ने उन्हें पीटा और धमकी दी। यादव ने कहा कि जब हमलोगों ने मीडिया से बातचीत करने की कोशिश की तो एसएचओ दिनेश कुमार ने हत्या करने की धमकी दी। यादव ने यह बात रिहा होने के बाद कही। 51 साल के यादव के मुताबिक दिनेश कुमार ने धमकी देते हुए कहा कि मार-मार कर भरता बना दूंगा। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने कानून के मुताबिक ऐक्शन लिया है।
कथित रूप से बिना अनुमति के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली पुलिस ने यादव समेत 89 लोगों को हिरासत में लिया था। योगेंद्र यादव और उनके समर्थकों को सोमवार रात पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया था और बाद में इन्हें बिना अनुमति के विरोध मार्च निकालने का आरोप लगाकर अरेस्ट कर लिया था। पार्ल्यामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के बाहर सोमवार रात पूरी तरह से नाटकीय स्थिति थी। स्वराज अभियान के सदस्यों को घसीट कर लाया गया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। कहा जा रहा है कि पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के लिए स्वराज अभियान को अनुमति दी थी फिर भी इस तरह से अचानक सख्ती बरती गई। योगेंद्र यादव ने कहा, ‘इस देश में हल लेकर खड़ा होना भी अपराध हो जाता है। हमलोगों ने सारी प्रक्रिया पूरी कर ली थी फिर भी पुलिस ने ऐसा किया। हमने फैसला किया था कि जेल में ही सत्याग्रह करेंगे। अब हमलोगों को पुलिस ने रिहा कर दिया है। हमलोगों ने अब फैसला किया है कि जेल के बाहर सत्याग्रह करेंगे।’ यादव को किसान समर्थकों के साथ दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर से हिरासत में ले लिया था। स्वराज अभियान के सदस्यों का दावा है कि वे शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और उनके पास पुलिस की अनुमति भी थी। पुलिस का कहना है कि उसने सोमवार शाम तक केवल विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति दी थी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि यादव और उनके समर्थकों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुरक्षा चिंताओं को लेकर जंतर मंतर खाली करने को कहा गया था। स्वराज अभियान मेंबर और सुप्रीम के सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने यादव की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। प्रशांत भूषण के पास पुलिस के साथ मौखिक कहासुनी का सबूत भी है। दिल्ली पुलिस के कदम को भूषण न अवैध करार दिया। उन्होंने पूछा कि यादव का अपराध क्या था? उन्होंने कहा कि यादव को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया। इस बीच एक और चौंकाने वाला वाकया हुआ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यादव और भूषण के विरोध का समर्थन किया। कुछ महीने पहले ही इन नेताओं के बीच कड़वाहट की स्थिति बनी थी और इन्होंने अलग राह चुन ली थी। केजरीवाल ने यादव की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए ट्वीट किया, ‘दिल्ली पुलिस जिस तरीके से योगेंद्र जी के साथ पेश आ रही है उसकी मैं कड़ी निंदा करता हूं। वे लोग शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। यह उनका मौलिक अधिकार है।’ यादव और भूषण ने कहा कि वे स्वतंत्रता दिवस तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री आवास के बाहर हल रखने नहीं दिया गया। इसी साल मार्च में यादव ने स्वराज अभियान के मंच तले भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ जय किसान आंदोलन लॉन्च किया था। जय किसान आंदोलन एक अगस्त से कई राज्यों से होकर दिल्ली जंतर मंतर पहुंचा था।

 

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