SP में नया मुस्लिम चेहरा बनकर उभरे हैं आशु मलिक, शिवपाल के हैं करीबी-आजम से दूरी

ashu-malikलखनऊ। समाजवादी पार्टी (एसपी) के कार्यालय में हुई बैठक में सोमवार को मामला सुलझने के बजाए और उलझ गया। बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव गले मिलवा चुके थे। इसी बीच मुलायम ने कहा कि एक मुस्लिम सांसद की उन्हें चिट्ठी मिली है कि मुस्लिम पार्टी से दूर हो रहे हैं। यह सुन अखिलेश खुद माइक पर आ गए और कहा चिट्ठी सार्वजनिक करिए। यह एक साजिश है और ऐसा करने वाला कौन है? आशु मालिक को बुलाकर पूछ लीजिए।

इसके बाद हुए हंगामे में मुलायम की 1:30 घंटे की बैठक में जो कुछ भी हुआ उसपर पानी फिर गया। अमर सिंह के बाद आशु मालिक खलनायक के तौर पर सामने आए। एसपी की सियासत में पिछले कुछ बरसों में आशु वेस्ट यूपी के एक अहम मुस्लिम चेहरे के तौर पर उभरे हैं। 2014 में पार्टी ने इसीलिए उन्हें एमएलसी भी बनाया हालांकि उनकी बेबाकी ही मुसीबत बन गई है। एसपी में अखिलेश समर्थकों के शिवपाल के खिलाफ चिट्ठी वॉर का जवाबी जिम्मा आशु ने ही संभाल रखा था।

हाशिमपुरा कांड के पीड़ितों को जब आजम खान न्याय दिलाने के लिए धरना देने का सुझाव दे रहे थे तो आशु मलिक ने ही मोर्चा संभाला और पीड़ितों को ले जाकर सीएम से मिलवाया। उन्हें 5-5 लाख का मुआवजा दिलवाया। मेट्रो का वर्किंग मॉडल बनाने वाले शामली के अब्दुल शमद को भी सीएम तक पहुंचाने वाले आशु ही थे। दादरी बीफ कांड में पीड़ित इकलाख के परिवार को भी लखनऊ ले जाने की कमान मलिक ने ही संभाली थी। उनका बढ़ता कद देख आजम से उनके मतभेद की खबरें आम हो गई थीं। गाजियाबाद में हज हाउस के उद्घाटन के बाद आजम के खिलाफ आशु ने मोर्चा भी खोला था।

 समाजवादी पार्टी (एसपी) के कार्यालय में हुई बैठक में सोमवार को मामला सुलझने के बजाए और उलझ गया। बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव गले मिलवा चुके थे। इसी बीच मुलायम ने कहा कि एक मुस्लिम सांसद की उन्हें चिट्ठी मिली है कि मुस्लिम पार्टी से दूर हो रहे हैं। यह सुन अखिलेश खुद माइक पर आ गए और कहा चिट्ठी सार्वजनिक करिए। यह एक साजिश है और ऐसा करने वाला कौन है? आशु मालिक को बुलाकर पूछ लीजिए।

इसके बाद हुए हंगामे में मुलायम की 1:30 घंटे की बैठक में जो कुछ भी हुआ उसपर पानी फिर गया। अमर सिंह के बाद आशु मालिक खलनायक के तौर पर सामने आए। एसपी की सियासत में पिछले कुछ बरसों में आशु वेस्ट यूपी के एक अहम मुस्लिम चेहरे के तौर पर उभरे हैं। 2014 में पार्टी ने इसीलिए उन्हें एमएलसी भी बनाया हालांकि उनकी बेबाकी ही मुसीबत बन गई है। एसपी में अखिलेश समर्थकों के शिवपाल के खिलाफ चिट्ठी वॉर का जवाबी जिम्मा आशु ने ही संभाल रखा था।

हाशिमपुरा कांड के पीड़ितों को जब आजम खान न्याय दिलाने के लिए धरना देने का सुझाव दे रहे थे तो आशु मलिक ने ही मोर्चा संभाला और पीड़ितों को ले जाकर सीएम से मिलवाया। उन्हें 5-5 लाख का मुआवजा दिलवाया। मेट्रो का वर्किंग मॉडल बनाने वाले शामली के अब्दुल शमद को भी सीएम तक पहुंचाने वाले आशु ही थे। दादरी बीफ कांड में पीड़ित इकलाख के परिवार को भी लखनऊ ले जाने की कमान मलिक ने ही संभाली थी। उनका बढ़ता कद देख आजम से उनके मतभेद की खबरें आम हो गई थीं। गाजियाबाद में हज हाउस के उद्घाटन के बाद आजम के खिलाफ आशु ने मोर्चा भी खोला था।

सीएम को खटका ‘औरंगजेब’
आम तौर पर मुलायम के खास माने जाने वाले आशु को अमर की वापसी के बाद उनके कैंप में गिना जाने लगा। बात तब बिगड़ी जब एक जगह सीएम का जिक्र औरंगजेब के तौर पर आया और उसमें आशु मलिक का हवाला था। सीएम ने इस मुद्दे को गांठ बांध लिया। रही-सही कसर चिट्ठी वॉर से पूरी हो गई। उदयवीर से लेकर रामगोपाल तक के जवाब में आशु मालिक ने खुल कर शिवपाल के पक्ष में बोला। यही वजह है कि जब मुलायम ने मंच से चिट्ठी का जिक्र किया तो अखिलेश गुस्से में आ गए। उन्होंने कहा कि अमर सिंह साजिश कर रहे हैं, आशु मलिक सब जानता है। आशु ने वहां भी मंच पर आने की गलती कर दी और सपा कुनबे की लड़ाई में नए खलनायक के तौर पर उभर गए।

आम तौर पर मुलायम के खास माने जाने वाले आशु को अमर की वापसी के बाद उनके कैंप में गिना जाने लगा। बात तब बिगड़ी जब सीएम का जिक्र औरंगजेब के तौर पर आया और उसमें आशु मलिक का हवाला था। सीएम ने इस मुद्दे को पार्टी बैठक में उठाया। रही-सही कसर चिट्ठी वॉर से पूरी हो गई। उदयवीर से लेकर रामगोपाल तक के जवाब में आशु मालिक ने खुल कर शिवपाल के पक्ष में बोला। यही वजह है कि जब मुलायम ने मंच से चिट्ठी का जिक्र किया तो अखिलेश गुस्से में आ गए। उन्होंने कहा कि अमर सिंह साजिश कर रहे हैं, आशु मलिक सब जानता है आशु ने वहां भी मंच पर आने की गलती कर दी और सपा कुनबे की लड़ाई में नए खलनायक के तौर पर उभर गए।

 

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