हाथरस: फैक्ट्री में गधे की लीद, एसिड और गोबर से बनाया जा रहा था मसाला
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले में ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। पुलिस ने सोमवार देर रात को एक कारखाने में छापा मारा, जहां गधे की लीद, गोबर, एसिड और घास (भूसा) का इस्तेमाल कर स्थानीय ब्रांड के मसाले ( spices) बनाये जा रहे थे। पुलिस ने इस विनिर्माण इकाई का भंडाफोड़ कर कारखाने के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है।
हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारी की फैक्ट्री में बन रहे थे नकली मसाले (spices)
जानकारी के मुताबिक, सूचना मिलने पर पुलिस ने कारखाने पर छापा मारा, जहां से 300 किलोग्राम से अधिक नकली मसालों ( spices) को जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक का नाम अनूप वार्ष्णेय है, जो कि हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारी भी है, को गिरफ्तार कर लिया है।
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परीक्षण के लिए 27 नमूनों को भेजा गया प्रयोगशाला
जनपद के नवीपुर इलाके में स्थित इस कारखाने में पुलिस की छापमारी के दौरान लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर सहित कई मसाले बरामद हुए। गरम मसाला और हल्दी में गधे की लीद, रंगों, एसिड और घास (भूसा) का इस्तेमाल किया जाता था। पुलिस ने मसालों ( spices) के परीक्षण के लिए 27 नमूनों को प्रयोगशाला भेजा है।
300 किलोग्राम से अधिक नकली मसाले ( spices) जब्त
संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि हमने कुछ स्थानीय ब्रांडों के नाम पर पैक किए जा रहे 300 किलोग्राम से अधिक नकली मसाले (spices) जब्त किए हैं और कारखाने के मालिक अनूप वार्ष्णेय को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि काफी समय से मिल रही शिकायत पर फूड इंस्पेक्टर के साथ इस कारखाने में दबिश दी गयी और लैब टेस्ट के नतीजे आने के बाद खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
लाइसेंस दिखाने में नाकाम फैक्ट्री मालिक
प्रेम प्रकाश मीणा ने संवाददाताओं को बताया कि वार्ष्णेय उस स्थान पर मसाला ( spices) कारखाने के संचालन के लिए लाइसेंस दिखाने में नाकाम रहा जहां इसे चलाया जा रहा था। वह उन ब्रांडों के लाइसेंस भी नहीं दिखा सका, जिन्हें पैक किया जा रहा था। इसकी भी जांच की जा रही है कि कहीं मसाले बनाने के लिए यूनिट में तैयार की गई सामग्री शहर की अन्य इकाइयों को भी तो नहीं दी गई।
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