बाराबंकी : मुफ्त में बांटे खादी के मास्क

देशभर में लॉकडाउन के समय जब सब कुछ बंद था और कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से हर कोई डरा हुआ था, तब सुमन अपने गाँव में घर में बैठकर सिलाई मशीन से गाँव के लोगों के लिए खादी के मास्क बना रही थीं।

देशभर में लॉकडाउन के समय जब सब कुछ बंद था और कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से हर कोई डरा हुआ था, तब सुमन अपने गाँव में घर में बैठकर सिलाई मशीन से गाँव के लोगों के लिए खादी के मास्क बना रही थीं। खादी के ये मास्क बनाकर सुमन ने न सिर्फ गाँव के बच्चे-बुजुर्गों को मुफ्त में वितरण किये, बल्कि लॉकडाउन के दौरान गाँव लौटे प्रवासियों को भी बांटे और मास्क के बदले किसी से एक पैसा भी नहीं लिया। सुमन ने धीरे-धीरे अपने समूह की महिलाओं को भी खादी के मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया और आज एक दिन में एक महिला 30 से 35 मास्क बना रही है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी खादी के मास्क बना कर देश में स्वदेशी मुहीम में योगदान देने के लिए सुमन की खूब सराहना की।

लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ तहसील क्षेत्र के विकासखंड त्रिवेदीगंज के एक छोटे से गाँव गुरुदत्तखेड़ा की रहने वाली सुमन वर्मा साल 2016 से गाँव में ही मां वैष्णो नाम से स्वयं सहायता समूह चलाती हैं। इस समूह में सुमन के साथ गाँव की ही 11 और महिलाएं जुड़ी हैं।

सुमन से जब हमारे संवाददाता ने बातचीत की तो उन्होंने बताया, “कोरोना संकट के समय में हमें टीवी एवं समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी हुई कि बाजारों में मास्क की कमी है, तब मैंने खादी के मास्क बनाने के बारे में सोचा ताकि लोगों की मदद की जा सके। इसलिए मैंने खुद खादी के मास्क बनाने शुरू किये लेकिन मैं एक दिन में 30-35 मास्क बना पाती थी, तब मैंने इस काम में अपने महिला स्वयं सहायता समूह की और महिलाओं को भी साथ जोड़ा और गांव के बुजुर्ग-बच्चे, मनरेगा मजदूर और बाहर से लौट रहे प्रवासियों को नि:शुल्क खादी मास्क वितरण किये I

सुमन बताती हैं। ऐसे समय में जब लॉकडाउन के समय में बाजार बंद थे और कहीं कुछ मिल नहीं रहा था, तब सुमन ने मास्क बनाने के लिए गाँव वालों से ही खादी के कपड़ों की व्यवस्था की। कोरोना से बचने के लिए मास्क की कमी न हो, इसलिए उनके समूह ने सैकड़ों मास्क बनाये और ग्रामीणों में नि:शुल्क वितरण भी किये। हाल में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान खादी के मास्क बनाकर स्वदेशी मुहीम को बढ़ावा देने पर बाराबंकी की सुमन की सराहना की तो आज सुमन को सिर्फ अपने गाँव से ही नहीं, बल्कि देश भर से प्रशंसा मिल रही है।

सुमन कहती हैं, यह तो हमने सपने में भी सोचा नहीं था कि प्रधानमंत्री हमारे काम की ऐसे सराहना करेंगे, बहुत अच्छा लगा। इसलिए अभी भी हमारे समूह की महिलाएं खादी के मास्क बना रही हैं और लोगों को मुफ्त वितरण का काम भी कर रही हैं।

जिलाधिकारी ने कही यह बात

बाराबंकी के डीएम डॉ आदर्श सिंह ने बताया कि जिले में अब तक 5000 से अधिक समूह का गठन कर करीब 80,000 महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। सुमन देवी भी एक ऐसी महिला हैं जो सीआईएफ के फंड से तरक्की की राह पर चल पड़ी हैं और दूसरी महिलाओं को भी स्वावलंबी बना रही हैं। उनके काम की देश के प्रधानमंत्री द्वारा तारीफ़ करना बाराबंकी के लिए गर्व की बात है, जिलाधिकारी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने तीसरी बार अपने मन की बात कार्यक्रम में बाराबंकी का जिक्र किया है जिसके लिए हम सब माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हैं।

 

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