वाराणसी : साइबेरियन पक्षियों की खूबसूरती से एक बार फिर गुलजार हुए गंगा घाट

बनारस के घाटों की मेहमान नावजी करने साइबेरियन पक्षियों की जमात से खूबसूरत और गुलजार हुआ काशी के 84 गंगा घाट, इनके आने से नाविकों के चेहरे भी खिल उठे।

बनारस के घाटों की मेहमान नावजी करने साइबेरियन पक्षियों की जमात से खूबसूरत और गुलजार हुआ काशी के 84 गंगा घाट, इनके आने से नाविकों के चेहरे भी खिल उठे। सात समुंदर पार कर आने वाले ‘आकाशीय मेहमानों’ ने वाराणसी में डेरा डाल दिया है। लगभग एक महीने की लम्बी यात्रा कर यहां पहुंचे।

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साइबेरियन पक्षियों के चलते गंगा घाटों का नजारा बदल गया है। एक ओर जहां खुशनुमा मौसम के कारण गंगा की सैर करने वाले सैलानियों में खुशी का माहौल है। वहीं विदेशी मेहमानों की मौजूदगी घाटों के सौंदर्य को और खूबसूरत बना रहे हैं। इन्हें देखने के लिए सैलानी भी काशी के घाटों पर आना प्रारंभ हो गए हैं। आपको बता दें कोरोना काल के दौरान नाविकों की आर्थिक स्थिति पर जमकर चोट लगी थी।क्योंकि जहां लॉकडाउन के दौरान उनकी नौका संचालन पूर्ण तरीके से बंद कर दिया गया था, वहीं अनलॉक होने के बाद भी सैलानी ना आने के चलते दो वक्त की रोटी कमा लेना उनके लिए मुनासिब होने लगा था। वही साइबेरियन पक्षी के आने से सैलानी घाटों पर बढ़ने लगे जिसे देखकर नाविकों को चेहरे भी खिल उठे।

गंगा को देखने के लिए घाटों पर इन दिनों सैलानीयो का तांता लगना शुरू हो गया है। घाटों पर ऐसा नजारा लगभग सात महीने बाद देखने को मिल रहा है। हर साल आने वाले इन मेहमानों से जहां पर्यटकों में खुशी देखने को मिल रही है। वहीं विदेशी सैलानियों और फोटोग्रॉफी के शौकीन लोगों के लिए इन पक्षियों की मौजूदगी खास बन गई है।सर्दियों के मौसम में वाराणसी में इन पक्षियों की कई प्रजातियां देखने को मिल जाती है। इस दौरान करीब तीन महीने तक साइबेरियन पक्षी यहां प्रवास करते हैं। और गर्मियों की शुरुआत के वक्त वापस एक लंबी उड़ान के बाद अपने देश लौटते हैं।

 

 

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