हिंदुस्तान का वो योद्धा जिसने मुगल और अंग्रेज साम्राज्य की नींव हिला दी, लेकिन इतिहास में गुमनाम हो गया
थोरले बाजीराव(thorle bajira), बाजीराव बल्लाल भट्ट के नाम से विख्यात बाजीराव पेशवा का नाम सुनकर अंग्रेजों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती थी.
थोरले बाजीराव(thorle bajira), बाजीराव बल्लाल भट्ट के नाम से विख्यात बाजीराव पेशवा का नाम सुनकर अंग्रेजों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती थी. हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ अटक से लेकर कटक तक केसरिया ध्वज लहराकर हिंदू स्वराज लाने का जो सपना छत्रपति शिवाजी महाराज ने जो सपना देखा था उसे मराठा साम्राज्य के चौथे पेशवा बाजीराव प्रथम ने पूरा किया था. बाजीराव पेशवा के नाम से मुगल शासकों के पसीने छूट जाते थे और उनसे मिलने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते थे.
हिंदुस्तान के इतिहास में पेशवा बाजीराव(thorle bajira) प्रथम ही ऐसे महान योद्धा थे जिन्होंने अपने जीवनकाल में सबसे ज्यादा 41 युद्ध लड़े थे. इन सभी युद्धों में उन्होंने अपने दुश्मनों को करारी शिकस्त दी और अपने साम्राज्य का विस्तार किया. थोरले बाजीराव की गिनती महान योद्धाओं में होती है. उन्होंने निजाम, मोहम्मद बंगश से लेकर मुगलों, अंग्रेजों और पुर्तगालियों तक को युद्ध के मैदान में करारी हार के दर्शन करवाए और उनको घुटनों पर खड़ा होने को मजबूर कर दिया.
बाजीराव पेशवा(thorle bajira) ने हिंदुस्तान की मिट्टी के लिए जितना किया उसका कर्ज चुकाने में हमारे इतिहासकारों ने अपने हाथ तंग कर लिए. मतलब जो सम्मान उन्हें मिलना चाहिए था उसे इतिहासकारों ने देना मुनासिब नहीं समझा और एक महान योद्धा इतिहासकारों की कलम में कीं गुमनाम हो गया.
ये भी पढ़ें – हमीरपुर: शराब के ‘नशे में धुत कलयुगी बाप’ ने मासूम के साथ किया ये ‘खौफनाक काम’
पेशवा बाजीराव(thorle bajira) का जन्म 18 अगस्त 1700 को चित्ताबन कुल के ब्राह्मण परिवार में हुआ था. पिता का नाम बालाजी विश्वनाथ और माता का नाम राधाबाई था. बाजीराव पेशवा ने मस्तानी से दूसरी शादी की और पहली पत्नी का नाम काशीबाई था. बाजीराव मस्तानी से अथाह प्रेम करते थे. बाजीराव ने पुणे के पास मस्तानी के लिए महल बनवाया था जिसका नाम मस्तानी महल रखा था.
भारत के इतिहासकारों ने बाजीराव पेशवा(thorle bajira) के साथ भले ही इंसाफ नहीं किया लेकिन अमेरिका के इतिहासकार बर्नार्ड मांटोगोमरी ने लिखा था कि, बाजीराव पेशवा भारत के इतिहास का सबसे महानत सेनापति और योद्धा था. पालखेड़ युद्ध में जिस तरीके से उन्होंने निजाम की विशाल सेनाओं को पराजित किया उस वक्त सिर्फ बाजीराव प्रथम(thorle bajira) ही कर सकते थे उसके अलावा भारत या भारतीय उपमहाद्वीप में यह सब करने की क्षमता किसी और से नहीं थी।”
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :
कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:
हमें ईमेल करें : [email protected]