US में होगी PM की स्पीच, क्या है विदेशों में मोदी के प्रोग्राम का सक्सेस फॉर्मूला?

modi g-4सैन जोस (अमेरिका)। ठीक एक साल पहले अपने यूएस दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वेयर में स्पीच दी थी। उन्हें सुनने 18 हजार लोग आए थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, टोरंटो, शंघाई और हाल ही में यूएई में मोदी का इसी तरह का स्पीच हुआ। उन्हें सुनने के लिए टिकट बांटे गए। हजारों की तादाद में लोग आए। अब मोदी फिर यूएस में हैं। सैन जोस में सोमवार सुबह 7 बजे (इंडियन टाइम के मुताबिक) उनकी स्पीच है। जानिए, शहर चुनने से लेकर पार्टनर ऑर्गनाइजेशंस तय करने तक क्या है विदेशों में मोदी मैजिक का सक्सेस फॉर्मूला?
मोदी के रिसेप्शन के लिए कितने ऑर्गनाइजेशन जुड़े हैं?
इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी ऑफ वेस्ट की मीडिया चेयर की हेड राखी इसरानी ने बताया कि हमने कम से कम 400 ऑर्गनाइजेशंस को मोदी के सैन जोस में होने वाले स्पीच के लिए जोड़ा है। हम चाहते थे कि इंडियन कम्युनिटी से जुड़ी सोसाइटियों को मौका मिले। यही वजह रही कि हमने उन्हें जोड़ा। सैन जोस के जिस एसएपी एरेना में प्रोग्राम होना है, वहां सीटें 18500 हैं। लेकिन 48 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
किस कम्युनिटी के ऑर्गनाइजेशंस जुड़े हैं?
55
हिंदू ऑर्गनाइजेशन
15
जैन ऑर्गनाइजेशन
11
आईआईटी एल्युमनी एसोसिएशन
12
मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन
सैन जोस को ही क्यों चुना?
पिछली बार मोदी पीएम बनने के बाद पहली बार यूएस गए थे। लिहाजा कमर्शियल हब न्यूयॉर्क के मेडिसन गार्डन स्क्वेयर में उनकी स्पीच रखी गई थी। न्यूयॉर्क में कम्युनिटी रिसेप्शन से मोदी वहां लाइमलाइट में आ गए थे। इस बार सैन जोस को चुने जाने की यह वजह है कि मोदी सिलिकॉन वैली में रहने वाले इंडियन प्रोफेशनल्स से सीधा कम्युनिकेशन चाहते हैं।
– 33% कंपनियां सिलिकॉन वैली में भारतीयों ने शुरू की हैं। यहां 89 हजार भारतीय रहते हैं। 90% लोग टेक कंपनियों में।
– 4 गुना ज्यादा है इंडियन अमेरिकंस की कंपनियों की तादाद चीन के लोगों की बनाई कंपनियों के मुकाबले।
– 16% स्टार्टअप्स सिलिकॉन वैली में भारतीयों ने ही शुरू किए।
– 50% लीडरशिप सिलिकॉन वैली में भारतीयों के पास।
– 40% भारतीय यहां ऐसे हैं जो आईआईटी-आईआईएम पासआउट्स हैं।
– सुंदर पिचाई, सत्या नडेला, रश्मि सिन्हा, विनोद खोसला जैसे इंडियंस ने यहां दबदबा कायम किया।
विदेशों में मोदी की स्पीच के लिए कौन करता है इंतजाम?
पीएम की फॉरेन विजिट के दौरान इवेंट मैनेजमेंट का काम विजय चौथाईवाले देखते हैं। विजय बायोलॉजिस्ट थे। वे अहमदाबाद में टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स में वाइस प्रेसिडेंट (डिस्कवरी रिसर्च) थे। फिर उन्होंने अमित शाह के कहने पर पिछले साल बीजेपी ज्वाइन कर ली। उन्होंने बीजेपी ओवरसीज फ्रेंड्स ऑर्गनाइजेशन का कामकाज संभाला। महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले विजय आरएसएस में स्वयंसेवक भी रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के वक्त से मोदी के लिए संभाली कमान
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान विजय चौथाईवाले बीजेपी के उस ग्रुप में शामिल थे जो मोदी का थिंक टैंक था। मोदी की सायबर और सोशल मीडिया फ्रेंडली और रिफॉर्मर वाली इमेज बनाने में उनका बड़ा कॉन्ट्रिब्यूशन है। फिलहाल विजय बीजेपी के फॉरेन पॉलिसी डिपार्टमेंट के चीफ हैं। वे बीजेपी जनरल सेक्रेटरी राम माधव के साथ पीएम मोदी के विदेशों में होने वाले प्रोग्राम्स की तैयारी करते हैं।
क्या यही है विदेशों में मोदी के प्रोग्राम के सक्सेस होने का फॉर्मूला?
– अगर आप भारतीय हैं, विदेश में रहते हैं, मोदी का प्रोग्राम आपके घर के आसपास होने वाला है और आप उसे सुनना चाहते हैं तो यह आसान नहीं है।
– आपका किसी कम्युनिटी ऑर्गनाइजेशन से जुड़ा होना जरूरी है।
– विजय चौथाईवाले के मुताबिक, मोदी की स्पीच के लिए 80-90% टिकट इन्हीं कम्युनिटी ऑर्गनाइजेशंस को जाते हैं।
– इसके मायने ये हुए कि मोदी का स्पीच सुनने के लिए पर्सनल टिकट हासिल करना बेहद मुश्किल होता है। विजय के मुताबिक 10% लोग ही पर्सनल टिकट हासिल कर पाते हैं। कम्युनिटी ऑर्गनाइजेशंस पहले ही रिजर्वेशन करा लेते हैं।
– मोदी का विदेशों में जहां भी प्रोग्राम या पब्लिक स्पीच होती है, विजय वहां कुछ महीने या कुछ हफ्ते पहले ही पहुंच जाते हैं। विजय वहां के कम्युनिटी ऑर्गनाइजेशंस से मिलते हैं और प्रोग्राम की तैयारी करते हैं।
– हफ्तों पहले ही सीटिंग अरेंजमेंट तय किया जाता है। सितंबर 2014 में मेडिसन स्क्वेयर में विजय के मैनेजमेंट के चलते मोदी के इवेंट ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी थीं।
– मोदी के सिलिकॉन वैली दौरे की तैयारी 4 महीने पहले ही विजय और उनकी टीम ने शुरू कर दी।
सेन जोस में मोदी के इवेंट से कितने ऑर्गनाइजेशंस से जुड़े?
इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी ऑफ वेस्ट की मीडिया चेयर की हेड राखी इसरानी बताती हैं, “यहां इंडियन एम्बेसी के लोग मदद कर रहे हैं। इसके अलावा कई ऑर्गनाइजिंग कमेटी बनी हैं। इसमें 7-8 सब कमेटीज भी हैं। इनका काम कल्चरल इवेंट, फंड कलेक्शन, प्रोग्राम मटेरियल अरेंजमेंट, वॉलंटियर्स अरेंजमेंट और मीडिया कम्युनिकेशन का है।
लोगों को कैसे क्रॉस चेक करते हैं?
हर कम्युनिटी का रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है। विजय चौथाईवाले के मुताबिक, इन कम्युनिटीज को एम्बेसी के जरिए क्रॉस चेक किया जाता है ताकि गलत या फर्जी लोग मोदी के स्पीच में एंट्री न ले सकें। हर कमेटी को एक यूनीक कोड दिया जाता है। यह कोड ही उसके मेंबर्स की पहचान होता है और वो इसी के जरिए वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन हासिल करते हैं।” विजय के मुताबिक, आमतौर पर लोग ज्यादा होते हैं सीट कम। इसलिए हम हर ऑर्गनाइजेशन के लिए कोटा तय कर देते हैं।
एंट्री के लिए फोटो आईडी जरूरी
विजय के मुताबिक, पर्सनल टिकट लोगों को तभी मिल पाते हैं जब कम्युनिटी कोटा पूरा हो जाता है। ‘एंट्री पास’ किसी दूसरे को नहीं दिए जा सकते और एयरपोर्ट पर ‘एंट्री पास’ के साथ फोटो आईडेंटिटी कार्ड दिखाना जरूरी होता है। टिकट फ्री होते हैं लेकिन प्रोग्राम पर हुए खर्च के मुताबिक, डोनेशंस इन्वाइट किए जाते हैं। विजय के मुताबिक, “हम 20-25 डॉलर के छोटे-छोटे अमाउंट्स पर जोर देते हैं।”
 

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