क्यों मृत्यु के बाद करवाया जाता है गरुड़ पुराण का पाठ? हैरान रह जाएंगे

मृत्यु एक ऐसा सच है जिससे न तो कोई बच सकता है और न ही कोई इसे झुठलाकर खुद को अमरता के भ्रम में रख सकता है।

मृत्यु एक ऐसा सच है जिससे न तो कोई बच सकता है और न ही कोई इसे झुठलाकर खुद को अमरता के भ्रम में रख सकता है। गरुड़ पुराण एक ऐसा शास्त्र हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि, इस पुराण में अधिकतर बातें मृत्यु से संबंधित दी गई हैं। चलिए आज आपको थोड़ा विस्तापूर्वक बताते हैं कि गरुड़ पुराण क्या है, साथ ही साथ जानेंगे कि आखिर क्यों मृत्यु के बाद क्यों घर में गरुड़ का पाठ रखा जाता है।

क्या है गरुड़ पुराण:
धार्मिक कथाओं के अनुसार एक बार गरुड़ देव ने भगवान विष्णु से, प्राणियों की मृत्यु, यमलोक यात्रा, नरक-योनियों तथा सद्गति के बारे में अनेक गूढ़ और रहस्ययुक्त प्रश्न पूछे। इन प्रश्नों का भगवान विष्णु ने सविस्तार उत्तर दिया। कहा जाता है इन प्रश्न और उत्तर की माला से ही गरुढ़ पुराण निर्मित हुआ था। कहा जाता है इस पुराण में व्यक्ति के कर्मों के आधार पर दंड स्वरूप मिलने वाले विभिन्न नरकों के बारे में बताया गया है। इतना ही नहीं गरुड़ पुराण के अनुसार कौन सी चीज़ें व्यक्ति को सद्गति की ओर ले जाती हैं भगवान विष्णु इसमें इस बार में भी बताय गया है। जिनके बारे में जानना मनुष्य के लिए जानना बेहद ज़रूरी होता है।

क्यों पढ़ी जाती है गरुण पुराण:
मनुष्य की मृत्यु के बाद रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है जिसका उद्देश्य मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति देना होता है और इसी वजह से गरुण पुराण का पाठ करवाया जाता है। गरुड़ पुराण को दो भागों में बांटा गया है जिसमें से एक में श्रीहरी के स्वरूपों का वर्णन है और दूसरे में जीवन-मरण को बताया गया है। गरुण पुराण के दूसरे भाग में मृत्य के बाद व्यक्ति की आत्मा का क्या होता है इस बारे में बताया जाता है।

 

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