अमेरिकी संसद में पेश हुआ बिल, पाक को आतंकी मुल्क घोषित करने की मांग

sharifkerryवॉशिंगटन। दो अमेरिकी जनप्रतिनिधियों ने पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला मुल्क करार देने से जुड़ा विधेयक यूएस कांग्रेस में पेश किया है। यूएन जनरल असेंबली में पीएम नवाज शरीफ के भाषण से पहले इसे पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी भरा घटनाक्रम माना जा रहा है। नवाज शरीफ यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाने वाले हैं। एचआर 6069 या द पाकिस्तान स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिजम डेजिगनेशन ऐक्ट नाम के इस बिल के आने के चार महीने के अंदर अमेरिकी प्रशासन को इस मामले पर औपचारिक रुख तय करना होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति को 90 दिन के भीतर एक रिपोर्ट जारी करनी होगी। इसमें इस बात की विस्तृत जानकारी दी जाएगी कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को बढ़ावा दिया कि नहीं। इसके तीस दिन बाद यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट को एक फॉलोअप रिपोर्ट पेश करना होगा। इसके जरिए यह तय होगा कि पाकिस्तान आतंकवाद प्रायोजित करने वाला मुल्क है। अगर ऐसा नहीं होता तो इस बात की विस्तृत जानकारी देनी होगी कि ऐसा न करने के पीछे क्या कानूनी बाध्यताएं हैं?

इस बिल को टेक्सस शहर के कांग्रेसमेन टेड पो और कैलिफोर्निया के कांग्रेसमेन डेना रोअरबाकर ने रखा है। टेड टेररिजम पर बनी हाउस सब कमिटी के चेयरमैन भी हैं। डेना बलूच आंदोलन के समर्थक हैं।
बिल का ऐलान करते हुए टेड ने मंगलवार को एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान न केवल एक न भरोसा किया जाने लायक सहयोगी है, बल्कि वह सालों से अमेरिका के दुश्मनों को मदद देता रहा है। उसने न केवल ओसामा को पनाह दी, बल्कि उसके हक्कानी नेटवर्क से भी अच्छे रिश्ते हैं। इसके अलावा भी पर्याप्त सबूत हैं कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान किसके साथ खड़ा है।

कम से कम वह अमेरिका के साथ नहीं है। वक्त आ गया है जब हम पाकिस्तान को उसकी धोखेबाजी के लिए पैसे देना बंद करें और उसे वह दर्जा दें जिसका कि वह हकदार है-आतंकवाद प्रायोजित करने वाला मुल्क।’

टेड ने जम्मू-कश्मीर के उड़ी स्थित भारतीय सैन्य मुख्यालय पर हुए हमले की भी निंदा की। बता दें कि वर्तमान अमेरिकी कांग्रेस अपने आखिरी दौर में है। ऐसे में यहां पेश हजारों बिलों में से कुछ के ही कानून में तब्दील होने की संभावना है। हालांकि, ताजा बिल इस बात का संकेत है कि अमेरिकी जनप्रतिनिधियों में उस पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा किस कदर बढ़ रहा है, जो अमेरिकी और भारतीय लोगों की हत्या में शामिल आतंकी समूहों की मदद कर रहा है।

कई सालों बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पाकिस्तान को आतंकवादी मुल्क घोषित करने को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू हुई है। इस तरह के मुद्दे पर आखिरी बार चर्चा 1993 में हुई थी, जब पाक ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के जरिए मुंबई बम धमाकों की साजिश रची। इन धमाकों में 259 लोगों की मौत हो गई थी। यह तो बस एक शुरुआत थी। इसके बाद, इससे मिलते जुलते कई हमले न्यू यॉर्क, लंदन, मैड्रिड और दुनिया के कई दूसरे शहरों में हुए।

इनमें से कई हमलों में पाकिस्तान का हाथ होने के संकेत मिलने के बावजूद यह देश सिर्फ इसलिए बचता रहा क्योंकि वह आतंक के खिलाफ जंग में खुद को साथी बताता रहा।

हालांकि, पाकिस्तान का यह खेल ज्यादा दिन नहीं चला। आज बहुत सारे अमेरिकी सैन्य जनरल, अफसर और एक्सपर्ट्स इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि पाकिस्तान डबल गेम खेल रहा है।

वह एक तरफ अमेरिकी टैक्स पेयर्स का दिया पैसा मदद के नाम पर अमेरिकी सरकार से हासिल कर रहा है, वहीं दूसरी ओर वह अपने यहां आतंकियों को फलने-फूलने का माहौल दे रहा है। इन आतंकियों की वजह से न केवल भारतीय, बल्कि अमेरिकी सैनिकों और आम नागरिकों को जान गंवानी पड़ी।

US: Act to designate Pakistan State Sponsor of terrorism introduced
American lawmakers have introduced legislation in the US Congress to designate Pakistan as a state sponsor of terrorism. This is a humiliating setback to Islamabad ahead of Prime Minister Nawaz Sharif ‘s speech before the UN General Assembly.

 

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