आईआईएम में लगी शाखा, RSS चीफ ने लिया ‘प्रणाम’

mohan-bhagwatतहलका एक्सप्रेस

लखनऊ। आईआईएम लखनऊ में बुधवार को आरएसएस की शाखा लगी। संघ प्रमुख मोहन भागवत इसके प्रणाम अधिकारी बने। आईआईएम कैंपस में संघ प्रार्थना ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभमि…’ गूंजी। शाखा के दौरान संघ प्रमुख ने आईआईएम के कुछ प्रफेसर और समाज के दूसरे पेशों से जुड़े लोगों से भी चर्चा की।

आरएसएस के सर संघचालक मोहन भावगत बुधवार की सुबह लखनऊ पहुंचे थे। पिछले पांच दिनों से भागवत यूपी में ही हैं। शाम को लगभग 6.15 बजे वह आईआईएम लखनऊ के कैंपस में पहुंचे वहां कार्यवाहक निदेशक प्रफेसर भरत भास्कर सहित आईआईएएम के दस से अधिक प्रफेसर, कुछ रिटायर्ड जज और शिक्षक पहले से ही मौजूद थे। फिर संघ प्रार्थना हुई।

सूत्रों के अनुसार, प्रणाम अधिकारी की भूमिका में खुद संघ प्रमुख रहे। हालांकि, आईआईएम कैंपस में नियमित शाखा नहीं होती है। आईआईएम लखनऊ में पिछले 19 महीने से कोई पूर्णकालिक निदेशक नहीं है। संघ पृष्ठभूमि से जुड़े प्रफेसर भरत भास्कर को तीन महीने पहले कार्यवाहक का चार्ज मिला था।

इसी सप्ताह इसे फिर बढ़ा दिया गया है। प्रो़ भास्कर भी पूर्णकालिक निदेशक की रेस में हैं। सूत्रों की माने तो यह पहला आईआईएम है, जहां संघ प्रमुख शैक्षणिक कार्यक्रमों से अलग किसी शाखा का हिस्सा बने हैं।

शिक्षकों से पूछा ‘समाधान’
संघ प्रमुख ने शिक्षकों से मुलाकात के दौरान विभिन्न मसलों पर चर्चा की। शिक्षा में भारतीय मूल्यों के समावेश के साथ ही ‘प्रतिभा पलायन’ रोकने के उपाय भी भागवत ने आईआईएम के प्रफेसर से पूछे। हालांकि बातचीत का कोई तयशुदा एजेंडा नहीं था, लेकिन आईआईएम के प्रतिभाशाली छात्रों की भूमिका देश के विकास में कैसे तय हो इस पर बात जरूर हुई। कार्यवाहक निदेशक प्रो़ भरत भास्कर वाजपेयी के घर पर प्रांत प्रचारक संजय और क्षेत्र प्रचारक शिव नारायण के साथ भागवत ने डिनर किया।

संघ का अजेंडा या एकता की बात?

संघ पूरी तरह से यह बताने पर आमदा है कि संस्थाएं हमारे अधीन है। वह समाज को तोड़ने की नई तरकीबें अपनाने इन संस्थाओं में जा रहे हैं।
प्रफेसर रमेश दीक्षित, पूर्व अध्यक्ष राजनीतिशास्त्र, लविवि

शाखा किसी भी दृष्टि से सांप्रदायिक नहीं हैं। वहां राष्ट्रीय एकता की बात होती है। किसी भी शिक्षण संस्थान में ऐसी बात तो हो तो उसमें कोई हर्ज नहीं है।
प्रफेसर एसके द्विवेदी, पूर्व अध्यक्ष राजनीतिशास्त्र, लविवि

संघ पमुख का शहर पर अलग-अलग स्थानों पर लोगों से मिलने का कार्यक्रम था। उसी क्रम में आईआईएम में भी एक परिवार से मिलने पहुंचे थे। वहां कुछ लोगों को बुला लिया था। कोई तय कार्यक्रम नहीं था।
संजय, प्रांत प्रचारक अवध प्रांत

 

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