आज गुजरात बंदः हिंसक हुआ पटेल आंदोलन, बुलाई गई सेना, इंटरनेट सर्विस पर रोक

ahmedabad-9तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि
अहमदाबाद। गुजरात में रिजर्वेशन की मांग कर रहे पटेल या पार्टीदार समुदाय का आंदोलन हिंसक हो गया है। मंगलवार को पटेल समुदाय की रैली के बाद अहमदाबाद सहित पूरे राज्य में जमकर हिंसा हुई। हार्दिक पटेल को हिरासत में लिए जाने की बाद हिंसा भड़की है। बुधवार को गुजरात बंद बुलाया गया है। इस बीच, तनाव से निपटने के लिए अहमदाबाद में सेना बुलाई गई है। ऐसा 13 साल बाद हो रहा है जब शहर में सेना की हेल्प लेनी पड़ रही है। भीड़ जमा न हो पाए इसलिए अहमदाबाद और कई शहरों में इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा दी गई है। सोशल मीडिया के जरिए फैलाए जाने वाली अफवाहों पर भी रोक लगाने की कोशिश है।
 राजनाथ ने की आनंदीबेन से बात
होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने गुजरात के हालात को लेकर मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से बात की है। उन्होंने मदद का भरोसा दिलाया है। जानकारी के मुताबिक, होम मिनिस्ट्री दिल्ली से गुजरात के हालात पर नजर रखे हुए है। जरूरत पड़ने पर दिल्ली से एडिशनल सिक्युरिटी फोर्स भी भेजने की तैयारी है।
अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर शिवानंद झा ने कहा, ”भीड़ में जो आए थे वे तैयारी के साथ बैठे थे। जिस तरह पूरे शहर में घटनाओं को अंजाम दिया गया है, उससे पता चलता है कि इसकी तैयारी पहले से ही थी। हम जांच कर रहे हैं। मामला जो दिख रहा है उससे कहीं ज्यादा है। आंदोलन में पुलिस टारगेट बन रही थी। इसलिए सेना की हेल्प ली जा रही है।”
कहां-कहां हुई हिंसा
* अहमदाबाद, सूरत समेत 12 से ज्यादा शहरों में पटेल समुदाय की रैली में आई भीड़ ने हिंसा किया
* सवा सौ गाड़ियां फूंक डालीं। 16 थाने जलाए, एक की मौत हो गई। कई शहरों में ट्रेन की पटरियां उखाड़ दीं।
* फायर स्टेशनों को घेर लिया, ताकि दमकल विभाग के लोग निकल न सकें।
* मेहसाणा में गृह राज्यमंत्री रजनी पटेल के घर में भीड़ ने आग लगा दी।
* गांधीनगर समेत कई शहरों में कलेक्टर और एसपी दफ्तर में भी आग लगा दी गई।
* हिंसा के बाद मंगलवार की रात अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, ऊंझा, विसनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। 2002 के दंगों के बाद गुजरात में ऐसी हिंसा हुई और कर्फ्यू लगाया गया।
 क्या है मांग?
 – गुजरात की कुल आबादी 6 करोड़ 27 लाख है। इसमें पटेल-पाटीदार लोगों की तादाद 20 फीसदी है।
– यह समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है।
– ये लोग खुद को ओबीसी कैटेगरी में शामिल कराना चाहते हैं, ताकि कॉलेजों और नौकरियों में काेटा मिल सके।
– राज्य में अभी ओबीसी रिजर्वेशन 27 फीसदी है।
– आेबीसी में 146 कम्युनिटी पहले से लिस्टेड है। पटेल-पाटीदार समुदाय खुद को 146वीं कम्युनिटी के रूप में ओबीसी की लिस्ट में शामिल कराना चाहती है।
– राज्य के 120 भाजपा विधायकों में से 40 इसी कम्युनिटी से आते हैं।
 कौन हैं हार्दिक पटेल?
 – हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कोऑर्डिनेटर हैं। यह समिति अब तक 70 रैलियां कर चुकी है।
– अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर वीरमगाम तहसील के चंद्रनगर गांव में रहने वाले हार्दिक पटेल कॉमर्स से ग्रैजुएट हैं।
– उन्होंने साल 2011 में सेवादल से अलग होकर वीरमगाम में एसपीजी यानी सरदार पटेल सेवादल शुरू किया था। हार्दिक के पिता बीजेपी से जुड़े हुए हैं।
– इस समय हार्दिक के सबसे करीबी व्यक्ति चिराग पटेल हैं। चिराग वही हैं, जो 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर मौजूदा सीएम आनंदीबेन के खिलाफ खड़े हुए थे। हालांकि वे हार गए थे।
– लोकसभा चुनाव के वक्त हार्दिक आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का समर्थन करते दिखे थे।
हार्दिक ने मोदी और बीजेपी, दोनों को किया चैलेंज
1. सीएम खुद आएं, तभी टूटेगा अनशन
हार्दिक रैली को संबोधित करने के बाद वहीं अनशन पर बैठ गए। उन्होंने कहा, ‘मां उमिया और खोडियार की कसम। सीएम यहां आकर लेटर लें, तभी अनशन खत्म होगा। हमने मोदी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना सीखा। केजरीवाल से आंदोलन की स्टाइल सीखी। हम इससे भी बड़ा कुछ करेंगे। हमारा आंदोलन केजरीवाल के आंदोलन से भी बड़ा होगा।
भाजपा से कहा- हम कमल उखाड़ सकते हैं
पटेल ने कहा, ”1998 में हमने कांग्रेस को उखाड़ फेंका था। अब 2017 आने वाला है। चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा, उसे उखाड़ फेंकेंगे। साफ है कि 2017 में हम कमल को भी उखाड़ सकते हैं। अपने हैं, इसलिए प्यार से हक मांगने निकले हैं। नहीं तो आवाज ओबामा तक पहुंचनी चाहिए। गुजरात में हम सिर्फ एक करोड़ 20 लाख हैं। लेकिन हिंदुस्तान में हमारी तादाद 50 करोड़ है। हम 25 अगस्त को क्रांति दिवस बना देंगे।”
2. मोदी पर निशााना- लोग सरदार पटेल की बड़ी मूर्ति बनवाकर राजनीति कर रहे हैं
हार्दिक पटेल ने कहा, “सरदार पटेल अगर देश के पहले पीएम बनते तो हालात कुछ और होते। पटेल की बड़ी मूर्ति लगाकर लोग राजनीति कर रहे हैं। हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ के साथ हैं। इसलिए बराबरी चाहते हैं। सरकार मिलने बुला रही है। आप बताइए कि क्या मिलने जाएं?”

 

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