आज हो सकती है वन रैंक वन पेंशन की घोषणा

नई दिल्ली। मोदी सरकार आज ही या फिर सोमवार तक वन रैंक वन पेंशन की घोषणा कर सकती है। पूर्व सैनिकों के लिए की जाने वाली इस घोषणा की लगभग सारी तैयारियां हो चुकी हैं।
पूर्व सैनिकों को इस व्यवस्था का लाभ जुलाई 2014 से मिलेगा और गणना के लिए 2013 को बेस इयर माना जाएगा। हालांकि पूर्व सैनिक पेंशन को हर दो साल में कम से कम एक बार संशोधित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपने पांच साल में संशोधन के रुख पर अड़ी हुई है। सिविलियंस के लिए यह प्रावधान 10 साल का है। पूर्व सैनिकों ने पहले पेंशन में हर साल संशोधन की मांग की थी।
अधिकतम और न्यूनतम पेंशन का औसत पूर्व सैनिकों की समान रैंक पर पेंशन और पूरी पेंशनेबल सर्विस पर रिटायर होने वाले पूर्व सैनिकों की पेंशन होगी। पहले ही इस औसत से ज्यादा पेंशन ले रहे पूर्व सैनिकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक वन रैंक वन पेंशन के बारे में सरकार का मानना है कि बराबर सालों तक सेवा देने वाले और समान रैंक से रिटायर होने वाले सैनिकों की पेंशन समान हो।
इसके अलावा, वन रैंक वन पेंशन का लाभ शहीदों की विधवाओं को भी मिलेगा। हालांकि, वीआरएस लेने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। सरकार की जुलाई 2014 से लेकर अब तक का एरियर दो सालों के भीचर चार किश्तों में देने की योजना है। विधवाओं को यह एक ही बार में दे दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक वन रैंक वन पेंशन लागू करने से सरकार पर हर साल 8 से 10 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार ने इसके लिए 54,500 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
एक अधिकारी का कहना था कि पूर्व सैनिकों की मांग है कि उन्हें अप्रैल 2014 से इसका लाभ दिया जाए, लेकिन सरकार ने इसके लिए जुलाई माह को चुना है, क्योंकि मोदी सरकार ने 26 मई 2014 से काम संभाला है।
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