आदित्यनाथ ने कहा- अब समय आ गया है देश में लागू हो एक समान नागरिक कानून

गोरखपुर। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता महंत आदित्यनाथ ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश में एक समान नागरिक संहिता लागू की जाए। वर्तनाम में केंद्र सरकार को इसपर पहल करनी चाहिए। इस दौरान आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि कोर्ट का निर्देश इस बात के लिए आगाह करता है कि देश संविधान से चलेगा न कि शरीयत से। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश में ‘एक समान नागरिक संहिता’ के संबंध में केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी किया है।
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 30 सालों में छह बार सुप्रीम कोर्ट देश की सरकारों को एक समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए निर्देश दे चुका है। इसके बावजूद इसे नहीं लागू किया गया, देश में हिंदू युवकों को इस्लाम कबूल करने का कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 इस संदर्भ में स्पष्ट कहता है कि ‘भारत के समस्त राज्य क्षेत्र के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त करने का प्रयास करेगा’। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी मत, मजहब या संप्रदाय के व्यक्तिगत कानून संविधान से बढ़कर नहीं हो सकते।
मुस्लिम महिलाओं के संरक्षण से जुड़ा है समान नागरिक कानून
शादी के लिए मुस्लिम युवतियों की उम्र सीमा तय होने के सवाल पर आदित्यनाथ ने कहा कि समान नागरिक कानून मुस्लिम महिलाओं के संरक्षण और उनके अधिकारों से भी जुडा हुआ है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अंदर तमाम देशों में खासतौर पर जो मुस्लिम मेजोरिटी देश हैं, वहां भी इस प्रकार के कानून लागू हैं तो भारत में लागू क्यूं। मुस्लिम पर्सनल लॉ हो या अन्य लॉ, इस देश के संविधान से बड़े नहीं हो सकते।
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