आधार कार्ड की अनिवार्यता के सरकारी फरमान से लाखों लोगों के सामने रोटी का संकट, मनरेगा जॉब कार्ड भी हुए रद्द 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा आधार की अनिवार्यता के मद्देनजर अब कल्याणकारी योजनाओं और पेंशन के लिए आधार की जरूरत को अनिवार्य कर दिया है। आधार से लिंक करने की इस कवायद ने कल्याणकारी योजनाओं और पेंशन पाने वाले लोगों के सामने रोटी का संकट खड़ा कर दिया है। ताज़ा खबर उत्तराखंड से है, जहाँ कल्याणकारी योजनाओं के तहत पेंशन पाने वाले लगभग सवा लाख लोगों को नौ माह से पेंशन नहीं मिल पायी है।

समाज कल्याण विभाग का कहना है कि इन लोगों का आधार लिंक न होने के कारण पेंशन रुकी हुई है। कई लोगों की शिकायत है कि उन्होंने आधार लिंक कर दिया है फिर भी उन्हें पेंशन नहीं दी जा रही है। समाज कल्याण विभाग से पेंशन पाने वाले इन लोगों में वृद्धा, विधवा, विकलांग, किसान पेंशन धारक शामिल हैं।

सरकार मनरेगा को भी आधार से जोड़ रही है। सरकार का कहना है कि 80 फीसद जॉब कार्ड धारकों को आधार नंबर से जोड़ दिया गया है, लेकिन सरकार के ही आंकड़ों की बात करें तो दिसम्बर 2016 तक मनरेगा के अंतर्गत 25.89 करोड़ पंजीकृत मजदूरों में से सिर्फ 3.68 करोड को ही आधार से जोड़ा जा सका था।

सरकार के आंकड़ों की बात करें तो केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने संसद में जानकारी दी थी कि ‘ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के फंड का मिसयूज रोकने के के मकसद से अब तक 87 लाख फर्जी जॉब कार्ड्स को रद्द किये हैं। मंत्रालय ने इन कार्ड्स को फर्जी पाया या फिर लाभार्थियों की मौत हो चुकी थी।’

 

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