इंसेफलाइटिस से अब तक 10 हजार बच्चों की मौत, आखिर कब जागेगी सरकार

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर पिछले 40 साल से इंसेफलाइटिस की महामारी से जूझ रहा है. साल दर साल गोरखपुर इलाके में हजारों मासूमों की जाने इस बिमारी के चलते हो रही है. इंसेफलाइटिस की वजह से हर साल पांच-छह सौ बच्चें को अपनी जिंदगी से महरूम होना पड़ रहा है. इस साल 2017 में अब तक इंसेफलाइटिस के चलते करीब 200 बच्चों की मौत हो चुकी है. पिछले छह दिनों में तो 66 बच्चे दिमागी बुखार के चलते मौत के आगोश में समा गए.

गौरतलब है कि 1977 में पहली बार जापानी इंसेफलाइटिस ने गोरखपुर में दस्तक दी थी. इसके बाद से साल दर साल गोरखपुर इलाके में इस बिमारी से मरने वालों मासूम बच्चों की कहानी दोहराई जा रही है. पिछले 40 साल में करीब 10 हजार मासूम बच्चों की मौत इंसेफलाइटिस के चलते हो चुकी है. इस बिमारी के चलते 2005 में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, डाटा वर्ड बैंक के आकड़े बताते हैं कि पिछले चालीस साल में करीब 40 हजार बच्चे इस बिमार के चपेट में आए और उसमें से करीब 10 हचार बच्चों की मौत हुई है. साल 2016 का आंकड़ा बताता है कि इस साल बीते सालों की अपेक्षा मौतों की संख्या 15 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है.

1977 में पहली बार इस बिमारी ने दस्तक दी थी और उस साल 274 बच्चे बीआरडी में भर्ती हुए जिसमें से 58 की मौत हुई, तब से लेकर आज तक इस बीमारी लगातार मासूम बच्चों की मौत हो रही है. वर्ष 2005 में इस बीमारी का सबसे भयानक कहर पूर्वांचल ने झेला और यूपी में 1500 बच्चों की मौत हुई. 2006 में 528, 2007 में 554, 2008 में  537, 2009 में 556. 2010 में 541, 2011 में 545, 2012 में 532. 2013 में 576 और 2014 में 500 मासूम बच्चों की मौत इस दिमागी बुखार के चलते मौत हुई है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button