ईरान से सप्लाई बढ़ने का खतरा, 10 फीसदी तक गिर सकते है क्रूड के दाम


क्रूड में जोरदार गिरावट की आशंका
एसएमसी ग्लोबल के रिसर्च हेड डॉ. रवि सिंह के मुताबिक आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों पर और दबाव देखने को मिल सकता है। रवि के अनुसार अगर ईरान परमाणु समझौता पूर्ण रूप से हो जाता है तो ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ेगी, जिसके कारण कीमतें गिर सकती हैं। रवि ने कहा कि ईरान के अलावा अगर ग्रीस संकट लंबा खिंच जाता है तो क्रूड की कीमतों पर दोहरी मार पड़ेगी। नायमैक्स पर कच्चा तेल की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 52 डॉलर प्रति बैरल तक फिसल सकती हैं। वहीं, घरेलू बाजार में क्रूड 3300 रुपए प्रति बैरल का स्तर दिखा सकता है।
ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने कहा कि क्रूड की कीमतों में गिरावट का रुझान लंबे समय तक बना रह सकता है। उनके मुताबिक मांग के मुकाबले सप्लाई ज्यादा है। ऐसे में ईरान परमाणु समझौता होता है तो कीमतों पर दोहरा दबाव बनाएगा। तनेजा के अनुसार क्रूड की कीमतें चालू स्तर से 5 डॉलर प्रति बैरल तक फिसल सकती हैं।
ईरान समझौते से बढ़ेगी क्रूड की सप्लाई
ईरान और छह प्रमुख देशों के बीच परमाणु बातचीत के दौरान मंगलवार को आखिरी समय सीमा तक कोई समझौता नहीं होने के कारण इसकी डेडलाइन सात जुलाई तक बढ़ा दी गई है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उन्हें 13 साल के गतिरोध को दूर करने के लिए दो साल से किए जा रहे प्रयासों को देखते हुए समझौता हो जाने की आशा है। मई में ईरान ने 28 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड उत्पादन किया है। अगर ईरान पर प्रतिबंध खत्म हो जाता है तो अगले 6 महीने में क्रूड उत्पादन 7.5 लाख से 10 लाख बैरल प्रति दिन बढ़ सकता है। इसका मतलब है कि ग्लोबल तेल बाजार में 10 लाख बैरल प्रति क्रूड की सप्लाई बढ़ जाएगी।
ग्रीस संकट गहराने का डर
ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस त्सिप्रास के तेवर आक्रामक बने हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर यूरोजोन के वित्त मंत्रियों ने तय किया है कि ग्रीस के साथ तब तक कोई बात नहीं करेंगे, जब तक वहां होने वाले जनमत संग्रह का फैसला नहीं आ जाता। त्सिप्रास ने ग्रीस के लोगों से यूरोजोन के प्रस्तावों को नकारने को कहा है। ऐसे में ग्रीस संकट बढ़ सकता है। इससे यूरोप से मांग घट सकती है।
ओपेक का क्रूड उत्पादन नई ऊंचाई पर
जून में ओपेक का क्रूड उत्पादन पिछले 3 साल की ऊंचाई पर पहुंच सकता है। ओपेक का क्रूड उत्पादन जून के दौरान 300 लाख बैरल से बढ़कर 321 लाख बैरल प्रतिदिन रहने की संभावना है। कुल मिलाकर ओपेक का सप्लाई जून में बढ़कर 316 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है। मई में यह आंकड़ा 313 लाख बैरल था। ग्रुप ने नवंबर 2014 में निर्धारित उत्पादन लक्ष्य से 13 लाख बैरल ज्यादा उत्पादन कर रहा है। वहीं, अमेरिकी ऊर्जा विभाग के मुताबिक 2015 के दौरान गैर-ओपेक देशों का क्रूड उत्पादन 13 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ सकता है।
अमेरिका में उत्पादन और भंडार बढ़ा
9 हफ्ते में पहली बार अमेरिका में क्रूड का भंडार बढ़ा है। ईआईए के मुताबिक पिछले हफ्ते अमेरिका में क्रूड का भंडार करीब 24 लाख बैरल बढ़ा है। वहीं, अमेरिका का क्रूड उत्पादन 44 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अप्रैल के दौरान अमेरिका में क्रूड उत्पादन 9,000बैरल प्रतिदिन बढ़कर 97.01 लाख बैरल रहा है।
डॉलर इंडेक्स में मजबूती
ग्रीस डिफॉल्ट से यूरो के मुकाबले डॉलर में मजबूती देखने को मिल रही है। वहीं, अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़े भी डॉलर को सहारा दे रहे हैं। प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर इंडेक्स 96 के पार पहुंच गया है। पैराडाइम कमोडिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीरेन वकील ने कहा कि आने वाले दिनों में डॉलर 98 का स्तर दिखा सकता है।
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