उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के चयन में भ्रष्टाचार का वीडियो वायरल

लखनऊ/इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की अहम परीक्षाओं में गलत चयन के आरोप से घिरे उप्र लोकसेवा आयोग की मुश्किलें सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल होने से शनिवार को और बढ़ गईं। वीडियो में राजस्व निरीक्षक परीक्षा 2016 में चयनित महिला अपने चयन का विस्तार से वृतांत बता रही है कि उसे परीक्षा से पहले ही आंसर शीट मुहैया हो गई थी और चयन के लिए उसने धन भी खर्च किया। पहली बार आयोग के भ्रष्टाचार को लेकर ऐसा सनसनीखेज आरोप सामने आया है। हालांकि, आयोग ने इस वीडियो पर टिप्पणी करने के बजाए दावा किया है कि 2016 में इस पद की कोई परीक्षा ही नहीं हुई है।

उप्र लोकसेवा आयोग की ओर से होने वाली अहम परीक्षाओं में प्रतियोगियों की उत्तर पुस्तिकाएं बदलने के आरोपों की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। साथ ही आयोग पर वर्ग विशेष के अभ्यर्थियों का चयन करने और करीबियों को चयनित करने, प्रश्नों के गलत जवाब देने जैसे तमाम आरोप हैं। इसी का संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार ने आयोग में सपा के शासन में हुई भर्तियों की सीबीआइ जांच कराने का एलान पहले ही किया जा चुका है। शनिवार को सोशल मीडिया में करीब सात मिनट का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें राजस्व निरीक्षक परीक्षा 2016 में चयनित एक महिला अभ्यर्थी अपने चयन के बारे में चर्चा कर रही है।

कहा जा रहा है कि चयनित महिला लखनऊ नगर निगम में ही तैनात है। चयनित महिला ने बताया कि परीक्षा में 150 सवाल पूछे गए थे उन सवालों को करने में उसे इसलिए कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि आंसर शीट उसे पहले ही मुहैया हो गई थी। चयन के लिए उसने धन भी खर्च किया। चयनित महिला वीडियो में यह भी कह रही है कि वह अभी प्रोबेशन पर है। वीडियो वायरल होने के बाद से हड़कंप मचा है। प्रतियोगी आयोग के खिलाफ इसे अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का प्रमाण होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि वीडियो सही है या नहीं इस संबंध कोई कुछ नहीं कह रहा है। वीडियो की जांच भी नहीं हुई है।

उप्र लोकसेवा आयोग में एक मात्र राजस्व निरीक्षक की परीक्षा 617 पदों के लिए 2014 में हुई थी। यह इम्तिहान दो चरणों में 25 जनवरी 2015 को प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में हुई। प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में 150 प्रश्न 300 अंक के थे जिसमें 50 प्रश्न तर्कशक्ति तथा 100 प्रश्न सामान्य अध्ययन के थे, दूसरी पाली की परीक्षा भी 300 अंकों की थी, जिसमें 150 प्रश्न थे, इन 150 प्रश्नों में 50 प्रश्न सामान्य गणित तथा 100 प्रश्न सामान्य के थे। प्रारंभिक परीक्षा में लगभग 4 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। इसका परिणाम दो मई 2015 को घोषित हुआ, जिसमें 2539 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए सफल हुए। 23 मई से 11 जून 2015 तक इस परीक्षा का इंटरव्यू चला और 12 जून 2015 को ही परिणाम घोषित कर दिया गया। इस परिणाम की खास बात थी कि यह परिणाम बिना नाम का था, केवल अनुक्रमांक तथा रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर परिणाम घोषित किया गया, यहां तक कि आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों से समक्ष जाति/वर्ग का भी उल्लेख नहीं था।

आयोग के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र उपाध्याय कहते हैं कि उप्र लोकसेवा आयोग ने 2016 में राजस्व निरीक्षक की कोई परीक्षा कराई ही नहीं, तब किसी महिला के चयन का सवाल ही नहीं उठता। वीडियो कहां का है, कौन बोल रहा है यह वह नहीं जानते। बोले, यदि आयोग का नाम लिया जा रहा है तो वीडियो फर्जी है।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी यूपी एसएसएससी ने जरूर 2016 में राजस्व निरीक्षक (सामान्य चयन) की परीक्षा कराई थी। इसकी लिखित परीक्षा 17 जुलाई 2016 को हुई थी, जिसमें 2088 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए सफल हुए। उनमें से 465 अभ्यर्थियों का अंतिम चयन 24 नवंबर 2016 को किया गया। ऐसे में सवाल भी उठ रहा है कि कहीं चयनित महिला जिस आयोग का जिक्र कर रही है वह उप्र लोकसेवा आयोग की जगह उप्र अधीनस्थ चयन सेवा आयोग लखनऊ तो नहीं है। इस आयोग का पुनर्गठन चल रहा है इसलिए वहां से संपर्क नहीं हो सका है।

 

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