उत्तर भारत में भूकंप के झटके: पाकिस्तान में तबाही, 130 से ज्यादा मौतें

नई दिल्ली। सोमवार को दिल्ली समेत भारत के 11 राज्यों में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। भूकंप दोपहर 2.47 बजे आया। इसका केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश इलाके में था। तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 थी। झटके पूरे अफगानिस्तान के अलावा पाकिस्तान, भारत, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान और दक्षिण एशिया के कई देशों में महसूस किए गए। पाकिस्तान में सबसे ज्यादा तबाही होने की खबर है। वहां 130 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस बीच, हुंजा रीजन में लैंडस्लाइड की खबर है। अफगानिस्तान में भूकंप के बाद एक स्कूल में भदगड़ मचने से 12 बच्चियों की मौत हो गई। यहां मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
पाकिस्तान में कहां कितनी मौतें?
– खैबर पख्तूनख्वाह और फाटा : 121
– पंजाब : 5
– पीओके : 1
– गिलगित बाल्टीस्तान : 3
भूकंप के बाद स्कूल में भगदड़
अफगानिस्तान के ताखर प्रांत में बादखशाह के एक गर्ल्स स्कूल में भूकंप के डर से छात्राओं के बीच भगदड़ मच गई। इसमें 12 बच्चियों की मौत हो गई। वहीं, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां में घर के ढह जाने से एक परिवार के पांच लोग मारे गए। पाकिस्तान में पीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया कि खैबर के कसूर में छत ढहने से यह हादसा हुआ। डॉन न्यूज के मुताबिक, अकेले स्वात डिस्ट्रिक्ट में 194 घायलों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वहीं, पेशावर में 100 घायल हॉस्पिटल में इलाज करा रहे हैं।
UPDATES…
– पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान में हुंजा रीजन में लैंडस्लाइड की खबर।
– 3.19PM पर ऑफ्टर शॉक आने की खबर।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ”अफगानिस्तान-पाकिस्तान रीजन में भूकंप की खबर है। इसका भारत के भी कुछ हिस्सों में असर हुआ है। मैं सबकी सलामती की दुआ करता हूं। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो हम लोग अफगानिस्तान और पाकिस्तान की मदद के लिए तैयार हैं।”
– पाकिस्तान के सरगोधा में सबसे ज्यादा तबाही की खबर।
– दिल्ली में मेट्रो सर्विस कुछ देर के लिए रोकी गई। कई इमारतें खाली कराई गईं।
– जम्मू-कश्मीर में बिजली की सप्लाई बंद। श्रीनगर में टेलीफोन लाइन ठप।
– इंडियन आर्मी और एयरफोर्स को तैयार रखा गया है।
– सुप्रीम कोर्ट में दो मामलों की सुनवाई हो रही थी। भूकंप आते ही जज समेत सभी बाहर निकल गए। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है।
– सुप्रीम कोर्ट में दो मामलों की सुनवाई हो रही थी। भूकंप आते ही जज समेत सभी बाहर निकल गए। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है।
कहां था भूकंप का केंद्र, कितनी थी तीव्रता?
> भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश इलाके में फैजाबाद के पास था। इसकी तीव्रता 7.7 थी। भूकंप का केंद्र जमीन से 200 किलोमीटर नीचे था।
> पाकिस्तान के मौसम विभाग ने दावा किया है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.1 थी।
> भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, हिंदूकुश रीजन में भूकंप की तीव्रता 7.5 थी।
> यूएसजीएस के मुताबिक, भूकंप का केंद्र साउथ-वेस्ट अफगानिस्तान के जार्म में था। यह जगह राजधानी काबुल से 256 किलोमीटर दूर है।
कहां-कहां महसूस किए गए झटके?
– दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और गुजरात में महसूस किए गए झटके।
– जयपुर में भूकंप के झटके, लोग घरों-दफ्तरों से बाहर निकले
अब्दुल्ला को भागना पड़ा
– उमर अबदुल्ला ने ट्वीट कर कहा- “2005 के बाद यह पहला मौका है जब भूकंप के कारण मुझे बाहर की तरफ भागना पड़ा।”
– अबदुल्ला ने बताया कि श्रीनगर में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई बंद कर दी गई है। फिलहाल, कहीं से भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
कितनी तबाही लाता है भूकंप
रिक्टर स्केल
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असर
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0 से 1.9
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सिर्फ सीस्मोग्राफ से ही पता चलता है।
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2 से 2.9
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हल्का कंपन।
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3 से 3.9
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कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर।
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4 से 4.9
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खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
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5 से 5.9
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फर्नीचर हिल सकता है।
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6 से 6.9
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इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
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7 से 7.9
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इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
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8 से 8.9
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इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा।
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9 और उससे ज्यादा
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पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समुद्र नजदीक हो तो सुनामी।
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*भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन में है एशिया का बड़ा हिस्सा
अर्थक्वेक ट्रैक एजेंसी के मुताबिक, हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आ रहे हैं। इसी बेल्ट में हिंदूकुश रीजन भी आता है। इस साल अप्रैल-मई में नेपाल में आए भूकंप के कारण करीब 8 हजार लोगों की मौत हुई थी। हिमालय कुछ सेंटीमीटर की दर से उत्तर में खिसक रहा है। हिमालयन फॉल्ट लाइन पर भारत सरकार की मदद से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी। यह स्टडी यूएस जर्नल लिथोस्फीयर और जेजीआर में छपी थी। इस स्टडी को लीड कर चुके जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के सी.पी. राजेंद्रन के मुताबिक, हिमालय 700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। यह फॉल्ट लाइन ऐसे मुहाने पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी वहां ऐसा भूकंप आ सकता है जो पिछले 500 साल में नहीं देखा गया हो।
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