‘एस दुर्गा’ कोर्ट के फैसले पर केंद्र और IFFI असमंजस में

पणजी। फिल्म ‘एस दुर्गा’ को 48वें इंटरनैशनल फिल्म महोत्सव में दिखाने के केरल हाइकोर्ट के फैसले पर फिल्म जगत ने खुशी जाहिर करते हुए फैसले का स्वागत किया है। वहीं दूसरी सरकार असमंजस में है। सरकार की ओर से कोई भी अधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।
केरल के बाद आईएफएफआई व सरकार का रुख क्या रहेगा, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। सूत्रों के मुताबिक, फैसला आने के बाद पणजी में लगातार गहन मीटिंगों को दौर जारी है। पणजी से लेकर दिल्ली तक बातचीत जारी है। केरल कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार के लिए झटका माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि कोई फैसला नहीं हुआ है। सरकार और आईएफएफआई कोर्ट के फैसले पर गौर कर रहे हैं। बताया जाता है कि सरकार और आईएफएफआई इस पर विचार कर रहे हैं कि इस फैसले के रोशनी में उनके पास क्या विकल्प है।
एस दुर्गा के डायरेक्टर सनल कुमार शशिधरन का कहना है कि मैं कोर्ट के फैसले से खुश हूं। यह हम सब की, सिनेमा की और लोगों की जीत है। अब मुझे इस पर सरकार के रुख का इंतजार है। सरकार के सामने दो ही विकल्प हैं। या तो वह इस फिल्म को पैनोरमा में शामिल करे या केरल हाई कोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करे। अगर सरकार सुप्रीम कोर्ट जाती है तो यह बहुत ही असंवैधानिक होगा। शशिधरन का कहना था कि अगर सरकार फिर भी कोर्ट जाती है तो मैं लड़ूंगा। सरकार चाहे तो फेस्टिवल के आखिरी दिन भी इसे दिखा सकती है।
गौरतलब है कि ‘एस दुर्गा’ को सरकार ने फिल्म फेस्टिवल से बिना कोई कारण बताए बाहर कर दिया था। वहीं दूसरी ओर सरकार ने ‘न्यूड’ फिल्म को भी फेस्टिवल से बाहर कर दिया था। ये दोनों ही फिल्में इंडियन पैनोरमा का हिस्सा थीं। सरकार के इस फैसले के विरोध में ज्यूरी के अध्यक्ष सुजॉय घोष ने इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद ज्यूरी के कुछ और सदस्यों ने भी इस्तीफा दिया। गौरतलब है कि घोष ने ‘एस दुर्गा’ से ही इंडियन पैनोरमा की शुरुआत करने का सुझाव भी दिया था।
फिल्ममेकर्स ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत
फैसले को लेकर ज्यादातर फिल्ममेकर्स व ज्यूरी ने खुशी जाहिर की। जहां सुजॉय घोष ने इस फैसले का स्वागत किया, वहीं दूसरी ओर घोष के साथ ही इस्तीफा देने वाले अपूर्वा असरानी ने इस फैसले पर ट्वीट करते हुए कहा कि इंडियन पैनारमा के उद्धघाटन वाले दिन दुर्गा के पक्ष में फैसला आना बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि इस जीत के बाद वह अब फेस्टिवल में भाग लेने की सोच सकते हैं। दूसरी ओर घोष की जगह कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे राहुल रवैल ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देने से बचने की कोशिश की। उनका कहना था कि उन्हें अभी तक सरकार की ओर औपचारिक तौर पर कोर्ट के फैसले की कोई जानकारी नहीं मिली हैं।
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